भागलपुर नगर निगम: वाहनों की पार्षदों ने की आरती, खूब हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा
भागलपुर नगर निगम निगम में चार वर्षों से खड़ी है डिस्लिटिंग वाहन स्मार्ट सिटी ने नहीं किया भुगतान। पार्षदों ने कहा कि जब वाहनों का इस्तेमाल नहीं तो बेच कर कोरोना संक्रमण से बचाव में खर्च करें राशि। पार्षदों ने वाहनों की आरती उतारी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम की कुव्यवस्था के खिलाफ मंगलवार को एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने मोर्चा खोला। पार्षदों ने शांतिपूर्ण तरीके से निगम कार्यालय परिसर में चार वर्षों से खड़ी डिस्लिटिंग वाहन की पहले आरती उतारी। निगम प्रशासन को आइना दिखाने के लिए फूल और अगरबत्ती के साथ अक्षत वाहनों पर छिड़का। करीब आधे घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा के साथ पार्षदों ने अपनी विरोध जताया।
इस दौरान पूर्व डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर व पार्षद संजय सिन्हा की अगुवाई में पार्षदों ने कहा कि चाहे वो स्मार्ट सिटी के मद का हो या पेयजल और सफाई के साथ विकास योजनाओं के मद में। तीन से चार वर्षो से विभिन्न मदों में राशि पड़ा है। जिसे निगम प्रशासन खर्च नहीं करना चाह रहा है। लगभग पांच वर्ष पूर्व ही बिहार के पहले स्मार्ट सिटी के रूप में भागलपुर नगर निगम का चयन हुआ था, जिसके बाद करोड़ों रुपए मूल्य की लागत से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर को स्मार्ट बनाने एवं सफाई के स्मार्ट संसाधनों से लैस होने के लिए गाड़ियां खरीदी गई थी, लेकिन वर्षो बीत जाने के बावजूद आज तक इन गाड़ियों का उपयोग शहर को स्मार्ट बनाने के लिए नहीं किया जा सका है। ऐसी जंग खा रही गाड़ियों को, जिसका आजतक उपयोग नहीं किया जा सका है, उसे बेचकर कम से कम शव वाहन, एम्बुलेंस और ऑक्सीजन सिलिंडर का प्रबंध नगर निगम प्रशासन करें।
पार्षद संजय सिन्हा ने कहा कि निगम गोदाम एक कंपेक्टर, दो जेटिंग वाहन मरम्मत के अभाव में रखा है। सरकार द्वारा केवल सफाई व्यवस्था और उसमें सुधार के लिए 96.40 करोड़ रूपये उपलब्ध कराए हैं। बावजूद सफाई संसाधनों की खरीदारी नहीं हुई। चार वर्ष बाद भी डस्टबीन और कंटेनर की खरीद नहीं की गई है, वहीं घर-घर (हरा एवं नीला) दो-दो कूड़ादान देना है। परन्तु अबतक इस संबंध में निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि यह योजना को चार वर्ष अब बीतने वाला है। 51 वार्डों में ठेला एवं छोटे-मोटे उपकरण क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। नया ठेला एवं अन्य उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। सफाई उपकरण नहीं होने से वार्ड में सफाई कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। फॉगिंग मशीनें निगम द्वारा खरीदी गई, लेकिन उपयोग में नहीं लाया जाता है। सभी खराब पड़े हैं। इस दौरान पार्षद संजय सिन्हा, बबीता देवी, पंकज दास, अशोक पटेल, बीबी वलीमा, उमर चांद, अभिषेक कुमार उर्फ सोनू, गोविंद बनर्जी, पार्षद प्रतिनिधि गुड्डू दूबे, शशि मोदी, संजय तांती, संजय राय, दीपक साह, मोहम्मद मेराज, मोहम्मद सोनू सहित कई पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि मौजूद थे।
नगर आयुक्त के साथ बैठक से संतुष्ट होकर लौटे पार्षद
पार्षदों के आक्रोश को शांत करने के लिए निगम सभागार में बैठक हुई। जिसमें पार्षदों ने समस्याओं को प्रमुख्ता से रखा। इस पर नगर आयुक्त प्रफुल्ल चंद यादव ने कहा कि सफाई संसाधनों की कमी नहीं होगी। वार्ड प्रभारी से कुदाल व छोटे सफाई संसाधनों की जरुरत के अनुरूप सूची मांगी गई है। 50 हजार रूपये तक के संसाधन निगम अपने स्तर से खरीदारी करेगा। पांच लाख रुपये की खरीदारी कोटेशन के आधार पर करने में निगम स्थानीय स्तर पर खरीदारी करने में सक्षम है। डिस्लिटिंग वाहन का भुगतान नहीं होने से कंपनी ने कुछ मशीन नहीं भेजा है। इसकी विभाग स्तर पर जांच चल रही है। वहीं शव वाहन में टायर बदला दिया है। जेटिंग वाहन की मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है। जलजमाव से निपटने के लिए चार पंप सेट की खरीदारी होगी। एक शव वाहन व एंबुलेंस भी खरीदा जा रहा है। घर-घर देा-दो कूड़ेदान वितरण के लिए 70 हजार जोड़ा और 300 कूड़ेदान के साथ मोहल्ले से कूड़ा उठाव के लिए 55 ऑटो टीपर की खरीदारी होगी। चार हाइवा की खरीदारी होगी। बुधवार को जेम पोर्टल के माध्यम से निविदा निकाली जाएगी। नगर आयुक्त ने कहा कि 96 करोड़ रुपये की राशि इन संसाधनों पर इस मद की राशि खर्च होगी।
इन समस्या का होगा समाधान
नगर निगम ने 50 के खरीब फॉगिंग मशीन की खरीदारी की है। इसमें से अधिकांश फॉगिंग मशीन से धुएं के बदले आग निकल रहा है। जिस कंपनी ने आपूर्ति की, उसने एक वर्ष की गारंटी दी थी। वो मियाद समाप्त हो गया है। पार्षदों ने मशीन खरीदारी में अनियमितता की बात की तो नगर आयुक्त ने नए मशीन की खरीदारी का भरोसा दिया। नगर आयुक्त ने बताया कि हैंड स्प्रे मशीन से घरों में सैनिटाइजर छिड़काव होगा। शीघ्र ही वर्चुअल माध्यम से सामान्य बोर्ड की बैठक होगी। शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए अमृत योजना से बुडको नाला का निर्माण कराएगा। जून में ठाकुबाड़ी, हाउसिंग बोर्ड व टीएमबीयू जलमीनार से जलापूर्ति होगी। शहर में प्याऊ निर्माण के एक वर्ष तक मोटर पंप खराब होने की शिकायत पार्षदों ने दर्ज की। बोरवेल से पंप नहीं निकल रहा है। नगर आयुक्त ने कहा इंजीनियरिंग कमजोर है। जहां भी परेशानी है उसे दुरुस्त कराया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री गली नली योजना से 63 करोड़ की निविदा निकाली गई है। जबकि निगम के पास 44 करोड़ रुपये है। शेष राशि की मांग विभाग से की गई है।