भागलपुर नगर निगम : एक विरोध ने हंसल को निगम कैबिनेट से दिखाया बाहर का रास्ता
भागलपुर नगर निगम अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले स्थायी समिति सदस्य सह पार्षद हंसल सिंह से मेयर सीमा साह नाराज हो गईं हैं। उन्होंनें पार्षद को नगर निगम कैबिनेट से हटा दिया है। मेयर ने इस कार्रवाई से साफ संकेत दिया है कि वे विरोधी को ज्यादा तरजीह नहीं देंगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर नगर निगम : मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले स्थायी समिति सदस्य सह पार्षद हंसल सिंह को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना मंहगा पड़ गया। इस कवायद के बाद निगम में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सशक्त स्थायी समिति के सदस्य पार्षद नीतु देवी, साबिहा रानू, फरीदा आफरीन, उषा देवी व सदानंद चौरसिया ने हंसल सिंह को हटाने को लेकर मेयर को पत्र लिख दिया। प्रेषित पत्र में हंसल पर यह आरोप लगाया कि उसने ने विरोधी को समर्थन किया, जो खेद का विषय है। इससे शहर का विकास बाधित हुआ। इसलिए समिति की सदस्यता से उन्हें निष्कासित किया जाए।
सशक्त समिति के सदस्यों के पत्र को मेयर ने गंभीरता से लेते हुुए इस मामले को लेकर मेयर सीमा साहा ने नगर आयुक्त को भी पत्र दिया है। उन्होंने जारी पत्र में कहा है कि इस समिति को भंग कर नए सिरे से गठन किया जाएगा। ताकि समति अपने दायित्व निर्वहन में खरा उतर सके।
सशक्त स्थायी समिति के सदस्स सह पार्षद हंसल सिंह ने कहा कि हरे राम चौधरी की सेवा विस्तार का विरोध करने के कारण मेयर ने साजिश करने के लिए कुछ पार्षदों को भड़काया है। मेयर की यह रणनीति नहीं चलने देंगे। मेयर पर न्यायालय में मामला चल रहा है। उनकी मनमानी नहीं चलने देंगे। मैं भी न्यायालय की शरण में जाऊंगा और मेयर को बेनकाब करूंगा।
मेयर के कार्यशैली से नाराज हमने व दो पार्षदों ने सशक्त स्थायी समिति से इस्तीफा दिया। पहली बार हंसल ने अविश्वास प्रस्ताव लाया तो गिफ्ट में समिति सदस्य का पद दिया। अब अभियंता के बहाली मामले का मुद्दा रखा तो हटाया जा रहा है। मेयर को अपने कैबिनेट पर विश्वास नहीं है। 23 पार्षद हंसल के साथ खड़े हैं। - संजय सिन्हा, पार्षद। नगर निगम के कार्यशैली में मेयर की मनमानी किसी भी सूरत में नहीं चलेगी। किसी भी गैर कानूनी कार्य को अंजाम नहीं देने दिया जाएगा।