राजनीति के लिए उर्वर रही है अंग की धरती, कई राष्ट्रीय नेताओं की रही है कर्मभूमि
अंग की धरती भागलपुर से कई राष्ट्रीय नेताओं का जुड़ाव रहा है। बिहार के पूर्व सीएम भागवत झा आजाद को भी पहचान यहीं से मिली। सभी पार्टियों के कई दिग्गजों का यहां से लगावा है।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]। महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण की धरती भागलपुर राजनीति के क्षेत्र में काफी उर्वर रही है। यहां से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज भाग्य आजमा चुके हैं। यहां के कई नेता मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व मंत्री रह चुके हैं। हमेशा से राजनीतिक दिग्गजों की नजर भागलपुर लोकसभा व विधानसभा सीटों पर रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री रहे भागवत झा आजाद भले ही गोड्डा के रहने वाले थे, लेकिन उनकी कर्मभूमि भागलपुर ही रही। वे यहां से सर्वाधिक पांच बार सांसद रहे हैं। भागलपुर में पले-बढ़े आजाद के पुत्र कीर्ति झा आजाद दो बार दरभंगा के सांसद रहे हैं। सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी 2004 में यहां से सांसद रह चुके हैं। वे दो साल तक यहां के सांसद रहे। उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने संसद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद 2006 में हुए उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शकुनी चौधरी को हराया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज भी यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं। शकुनी चौधरी भी दो बार यहां से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार वे हार गए। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे चार बार यहां से विधायक रह चुके हैं।
प्रो. शिवचंद्र झा भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से 1980 व 1985 में विधायक व चार बार विधान पार्षद रहे हैं। वे 1985 में विधानसभा अध्यक्ष रहे। नाथनगर से चार बार विधायक रहीं सुधा श्रीवास्तव बिहार सरकार में तीन बार मंत्री रह चुकी हैं। विधान पार्षद रहे डॉ. दिवाकर प्रसाद सिंह उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं। 1995 से 2000 के बीच नाथनगर के विधायक रहे प्रो. लुत्फर रहमान भी पथ निर्माण मंत्री रह चुके हैं। जाने-माने गांधीवादी नेता डॉ. रामजी सिंह 1977 में यहां के सांसद थे। कहलगांव के वर्तमान विधायक सदानंद सिंह भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। सदानंद सिंह का अभी भी कांग्रेस में दबदबा है। विजय कुमार मित्रा भागलपुर से पांच बार विधायक रहे हैं। वे तीन बार जनसंघ से और एक-एक बार लोकदल व भाजपा के टिकट पर जीते थे। चुनचुन यादव दो बार नाथनगर से विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं।
दो बार हार का सामना करना पड़ा आजाद को : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री भागवत झा आजाद भागलपुर सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। 1977 और 1989 में हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आजाद ने कृषि, शिक्षा, श्रम-रोजगार, आपूर्ति और पुनर्वास, नागरिक उड्डयन के साथ खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालयों में राज्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। वे 14 फरवरी, 1988 से 10 मार्च, 1989 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें बिंदेश्वरी दुबे के बाद बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था। आजाद 1952 में गोड्डा से पहली बार सांसद चुने गए थे।