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बिहार के इस शहर ने लगाई ऊंची छलांग, 107 से 36वें पायदान पर पहुंचा

111 शहरों में प्रतिस्पद्धा में रेशमी शहर ने शिक्षा स्वास्थ्य व रोशनी के बल पर दिखाया दमखम। वर्ष 2018 में भागलपुर को मिला था 107वां स्थान। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स रैंकिंग में 52.19 अंकों के साथ 30 वां स्थान प्राप्त।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 05:16 PM (IST)
बिहार के इस शहर ने लगाई ऊंची छलांग, 107 से 36वें पायदान पर पहुंचा
नगर निगम के परफार्मेस में 39.94 अंकों के साथ 36वां स्थान हासिल किया।

जागरण संवाददाता, भागलपुर।  भागलपुर ने देशभर की 111 शहरों के बीच ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स रैंकिंग में 52.19 अंकों के साथ 30 वां स्थान प्राप्त किया है। वहीं नगर निगम के परफार्मेस में 39.94 अंकों के साथ 36वां स्थान हासिल किया। दो वर्षो के अंतराल में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की सूची करता है । वर्ष 2018 में भागलपुर को 111 शहरों में से 107वां रैंक मिला था। 10 लाख से कम आबादी वाले शहर में शिमला पहले स्थान पर और  बिहार के कई शहरों को पछाड़ कर भागलपुर का बेहतर प्रदर्शन रहा। जबकि मुजफ्फरपुर  स्मार्ट सिटी ने 33वें स्थान हासिल किया।

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सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) को सेवा की आपूर्ति के संदर्भ में अपने शहर के नागरिकों के अनुभव को मान्यता देने में मदद के लिए शुरू किया गया था। यह मूल्यांकन 16 जनवरी, 2020 से 20 मार्च, 2020 तक आयोजित किया गया था। इस सर्वेक्षण में 111 शहरों के कुल 32.2 लाख नागरिकों ने भाग लिया।

नगर निगम की सेवाओं का तय मानक

पहली बार 2018 में शहरों की रैंकिंग की गई थी, दूसरी बार 2020 में शहरों की रैंकिंग की गई। नगर निगम के कार्यो व सेवा के आधार पर अंक निर्धारित किया गया है। गवर्नेस में 20 फीसद, सर्विस में 30 फीसद, योजना में 15 फीसद टेक्नोलॉजी में 15 फीसद, वित्त में 20 फीसद अंक के आधार पर आंकलन हुआ। इस सर्वेक्षण का भारांक 30 प्रतिशत रखा जाता है। इसी अंक के अधार पर परिणामों की जांच हुई।

शहर की व्यवस्था पर तय मानक

शहर की सेवाओं व सुविधा के लिए तीन स्तर का अंक निर्धारित किया गया है। रहन-सहन की गुणवत्ता के आधार पर रैंकिंग के लिए 35 फीसद अंक, आर्थिक योग्यता पर 15 फीसद अंक और विकास की स्थिरता कैसी है इसके लिए 20 फीसदी अंक व 30 फीसद लोगों के सुझाव पर तय किया गया। इसमें करीब 49 श्रेणी का आंकलन करने के आधार पर  रैंकिंग की गई।

यह शहर रैंकिंग लाने में हुए सफल

इन शहरों ने रैंकिंग लाने में हुए

दस लाख की आबादी वाले शहरों की तुलना

नगर निगम के कार्यों का प्रदर्शन

भागलपुर : बिहार शरीफ : मुजफ्फरपुर

- मानव बल : 42 : 00 : 11

-योजना : 53: 17 : 46

-गवर्नेस : 10 : 03 : 25

- टेक्नोलॉजी : 18 : 44 : 14

-वित्त : 22 : 24 : 43

-सर्विस : 43 : 55 : 48

-ओवर ऑल : 36 : 35 :43

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ईज ऑफ लिङ्क्षवग

भागलपुर : बिहार शरीफ : मुजफ्फरपुर

ओवर ऑल अंक : 30 : 28 : 62

क्वालिटी ऑफ लाइफ : 44 :46 :44

आर्थिक क्षमता : 60 :61 : 57

सिटीजन परसेप्शन : 08: 23 : 54

सस्टेनविलिटी : 41 : 09 : 54

ईज ऑफ लिविंग

पर्यावरण : 52 : 09 : 47

ग्रीन क्षेत्र व भवन : 24: 18 :43

उर्जा की खपत : 29 :03 28

आर्थिक विकास की क्षमता : 60 :59 : 54

आर्थिक अवसर : 55 : 58 : 49

शिक्षा : 45 :55 : 60

स्वास्थ्य : 55 :30 : 53

हाउङ्क्षसग व शेल्टर : 30 : 17 : 15

कूड़ा निस्तारण व सफाई : 58 :61: 44

सुरक्षा : 48 : 19 : 58

रिक्रिएशन : 43 : 28 : 19

नगर निगम के कार्यों का प्रदर्शन

शिक्षा : 32: 29 : 26

स्वास्थ्य 31 :25 : 31

पेयजल : 54 : 58 : 50

सफाई : 55 :52 : 59

निबंधन व परमिट : 13 :10 :50

आधारभूत संरचना : 11 :51 : 08

रेवन्यू मैनेजमेंट : 5 : 3 : 6

एक्सपेंडिचर मैनेजमेंट : 53 :36 47

डिजिटल गवर्नेस : 15 : 49 : 10

डिजिटल एक्सेस : 16 : 6 : 39

इन क्षेत्रों का हुआ आंकलन

इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, गतिशीलता, रक्षा और सुरक्षा, मनोरंजन, आर्थिक विकास का स्तर, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, हरियाली क्षेत्र, भवन, ऊर्जा खपत को आधार बनाया गया। इससे शहरों की रैंङ्क्षकग से जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता, स्थिरता के आधार पर कार्य योजना तैयार करने में बढ़ावा मिलेगा।

कुछ खामी व कुछ बेहतर व्यव्सथा से मिला रैंक

शहरों रहने की गुणवत्ता के स्तर के साथ विकास के काम और लोगों के जीवन पर पडऩे वाले असर के आधार पर भागलपुर ने थोड़ी सफलता अर्जित की है। स्मार्ट सिटी के कार्यो और शहर के विकास योजनाओं की प्रगति के आधार पर टॉप 10 तो नहीं पर 30वें स्थान पाने में सफल रहे। जबकि स्वच्छता सर्वेक्षणों में बेहतर सुधार नहीं कर पाया। इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में भी फिसड्डी रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सफाई संसाधन व कूड़ा निस्तारण को लेकर निगम हांफ रहा है। यहां सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। कूड़ा नाले, नालियों में भरा रहता है। निस्तारण न होने के कारण शहर के चारों ओर कूड़े के पहाड़ खड़े हैं। घर-घर से कूड़ा कलेक्शन भी शुरू नहीं हुआ है। सफाई के प्रति नगर निगम प्रशासन की उपेक्षा से अब शहर के नागरिक आजिज आ चुके हैं। शहर में शैक्षणिक संस्थान के बल पर बेहतर अंक मिले हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का भी रैंकिंग में सुधार हुआ है। सड़क व रोशनी व्यवस्था की सुविधा का लाभ नगर निगम को मिला है।

उपमुख्यमंत्री, प्रधान सचिव व निगम कर्मियों के साथ शहरवासियों के सहयोग से रैंकिंग बेहतर हुआ है। मूलभूत व जनसुविधा को ओर भी बेहतर करने का प्रयास जारी है। अब देश के शहरों में कम से कम टॉप 10 में आने की दिशा में कार्य करना होगा। इसका आगे भी प्रयास जारी रहेगा। - सीमा साहा, मेयर

नगर निगम के कार्यो में प्रगति का प्रयास जारी है। योजन व पानी की सुविधा पर लगातार कार्य चल रहा है। सफाई व्यवस्था में संसाधन की कमी है। इसे शीघ्र ही दुरुस्त कर लिया जाएगा। यह रैंङ्क्षकग सामुहिक प्रयास का परिणाम है। आगे भी जनता के सहयोग से बेहतर किया जाएगा। -प्रफल्ल चंद्र यादव, नगर आयुक्त

हमलोग लगातार प्रयास करते रहे हैं। शहर की व्यवस्था में खामियों को लेकर आवाज बुलंद करने से कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। रैंकिंग में 30 वें स्थान मिलने पर शहरवासी का आभार व्यक्त करते हैं। - राजेश वर्मा, डिप्टी मेयर


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