पुरानी अदावत में शाबिर के सामने आया कल्लू
मुल्लाचक में इमरान उर्फ कल्लू पर 21 अगस्त की रात हुए कातिलाना हमले के बाद अब गैंगवार की आशंका बढ़ गई है।
भागलपुर। मुल्लाचक में इमरान उर्फ कल्लू पर 21 अगस्त की रात हुए कातिलाना हमले के बाद अब गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। पटना से उपचार के बाद लौटे कल्लू अब वार्ड पार्षद पति शाबिर के सामने आ गया है। मोजाहिदपुर इंस्पेक्टर प्रमोद साह स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अब शाबिर और कल्लू के आमने-सामने होने पर दोनों पक्ष से बदमाश जमा हो सकते हैं।
मुल्लाचक के कमेला, मियां साहब के मैदान वाला इलाका और शहबाज नगर क्षेत्र में गांजा-स्मैक के धंधे से जुड़े लोगों को टिंकू मियां और टिंकू अंसारी गुट निशाना बनाने लगे हैं। उनसे रंगदारी मांगी जाने लगी है। मीट कारोबारी मुन्ना कुरैशी से रहमत ने दो लाख की रंगदारी मांगी थी। केस दर्ज कराने से कारोबारी मुकर गया। ऐसे कई कारोबारी हैं जो बदमाशों की करतूतों को पुलिस तक पहुंचाने के बजाय उन्हें रकम पहुंचाना ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं। मुल्लाचक में मोगलपुरा के टिंकू मियां का गैंग मजबूत स्थिति में रहा है। उसे शाबिर का समर्थन हासिल है। जबकि कल्लू को मजबूती देने को परोक्ष रूप से बरईचक के टिंकू अंसारी गिरोह खड़ा हो गया है। पुरानी अदावत को हवा दे रहा इल्जाम
पटना से लौटे कल्लू का यह इल्जाम है कि 30 साल पूर्व उसके पिता की हत्या शाबिर ने करा दी थी। शाबिर और पार्षद शाहिद खान चमरू पर 14 जुलाई 2014 को दिन दहाड़े बड़ी पोस्ट ऑफिस के समीप बदमाशों ने गोलियां बरसाई थीं। हमले में टिंकू अंसारी गिरोह की संलिप्तता सामने आई थी। इसलिए अब शाबिर को लगने लगा है कि कल्लू खुलकर सामने आया है तो उसके पीछे टिंकू अंसारी गिरोह ही है, तभी पुरानी अदावत की बात सामने आने लगी है।