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ऐसी व्यवस्था हो तो क्यों नहीं Admission लेना चाहेंगे इस सरकारी विद्यालय में, जानिए... क्यों है यह खास Bhagalpur News

दो साल पहले तक यह स्कूल भी इलाके के अन्य सरकारी स्कूलों की तरह ही था। यहां मुकेश आनंद जब प्रधानाध्यापक बने तो कुछ अलग कर दिखाने की ठानी। योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:02 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 01:02 PM (IST)
ऐसी व्यवस्था हो तो क्यों नहीं Admission लेना चाहेंगे इस सरकारी विद्यालय में, जानिए... क्यों है यह खास Bhagalpur News
ऐसी व्यवस्था हो तो क्यों नहीं Admission लेना चाहेंगे इस सरकारी विद्यालय में, जानिए... क्यों है यह खास Bhagalpur News

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। निजी स्कूलों के आकर्षण से इतर एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है जिसने पठन-पाठन और अनुशासन के बूते अलग पहचान बना ली है। हम बात कर रहे हैं खरीक प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय तुलसीपुर यादव टोला की, जो अब अन्य स्कूलों के लिए मॉडल बन चुका है। निजी स्कूलों से मुंह मोड़ अभिभावक यहां अपने बच्चों का नामांकन करा रहे हैं। स्कूल की अपनी वेबसाइट भी है।

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दो साल पहले तक यह स्कूल भी इलाके के अन्य सरकारी स्कूलों की तरह ही था। यहां मुकेश आनंद जब प्रधानाध्यापक बने तो कुछ अलग कर दिखाने की ठानी। योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू किया। बच्चों को अनुशासन और नैतिकता का पाठ पढ़ाया। कक्षा में शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए पोषक क्षेत्र के अभिभावकों से संपर्क साधा। हर शनिवार को शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी आयोजित की। नतीजा यह हुआ कि बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होने लगी। उन्होंने सभी बच्चों का आधार लिंक बैंक खाता बनवाया। स्वच्छता अभियान चलाकर स्कूल परिसर को चकाचक कर दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान का कहना है कि प्रधानाध्यापक मुकेश ने अपने स्कूल में बेहतर कार्य किया है। वह व्यवहार कुशल भी हैं। अब वह स्कूल दूसरों के लिए नजीर बन रहा है।

कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षा

मुकेश पहली से आठवीं कक्षा तक के कमजोर बच्चों की स्पेशल कक्षा लेते हैं। उन्हें खेल-खेल पढ़ाते में हैं। इसका परिणाम यह है कि गांव के करीब दो दर्जन बच्चे जो अब तक निजी विद्यालयों में पढ़ते थे, अब सरकारी स्कूल में पढ़ रहे है।

हर बच्चे का चाइल्ड प्रोफाइल

स्कूल के सभी 405 बच्चों का चाइल्ड प्रोफाइल तैयार किया गया है। इसमें हर बच्चे के शारीरिक, मानसिक, एकेडमिक एवं एक्सट्रा कैरिकुलम से संबंधित जानकारी है।

हर माह बच्चे होते हैं पुरस्कृत

महीने के आखिरी शनिवार को कक्षा वार अभिभावकों की बैठक होती है। इसमें बच्चों की गतिविधियों के बारे में चर्चा होती है। उसमें सुधार के लिए सामूहिक प्रयास का निर्णय लिया जाता है। जो बच्चे महीने भर शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।


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