पूर्णिया में महादलितों का घर जलाए जाने से पहले तीन गांव के लोगों ने की थी बैठक, आंखें अब भी बयां कर रही है काली रात का खौफ
बायसी के मंझुआ टोल में महादलितों का घर जलाए जाने से पूर्व तीन गांव के लोगों ने बैठक की थी। यही कारण है कि यहां गांव मेंं जरा सी कुछ आहट मात्र से ही यहां के मासूम बच्चे एवं महिलाएं सिहर उठती है।
पूर्णिया [राजीव कुमार]। मंझुआ टोल बायसी(पूर्णिया):बायसी के मंझुआ टोल में महादलित परिवार के साथ घटी घटना के भले ही चार दिन बीत गए। मगर अभी भी इस टोले के 80 परिवारों के आंखों में उस काली रात का खौफ आसानी से देखा जा सकते है। गांव मेंं जरा सी कुछ आहट मात्र से ही यहां के मासूम बच्चे एवं महिलाएं सिहर उठती है। उनकी आंखों से बर्बादी का वह मंजर आज तक नहीं गया है जो उन्होंने 19 मई की आधी रात को देखा। इन महादलित महिलाओं ने बताया की कैसे हेलमेट पहने चालीस से अधिक लोगों द्वारा ना केवल पेट्रोल छीट कर घरों में आग लगाई जा रही थी बल्कि जो महिलाएं एवं बच्चे आग लगने के बाद घरो से जान बचाने के लिए भाग रहे थे उन्हें लोहे के रड जंजीरों एवं लाठियों तक से पीटा जा रहा था।
इस महादलित टोले के वैसे बुर्जग जो भाग नहीं सकते थे उनकी बेरहमी से पिटाई की गयी। रिटायर्ड चौकीदार नेवालाल राय की तो पीट- पीट कर हत्या कर दी गयी। गांव वालों की सुरक्षा के लिए दो चौकीदार तैनात किए गए थे उसमें एक चौकीदार पर भी हमला कर जख्मी कर दिया गया जबकि दूसरा चौकीदार जान बचाकर वहां से भाग निकला। इस घटना की भयावहता घटनास्थल की तस्वीरें खुद बयां कर रही है। टेंट के नीचे सिर छुपाए महादलित परिवार के लोग नंग धंडग बच्चे, अधे जले समान हर और जला हुआ बिखरा सामान उस रात क्या घटी सब कुछ बयां कर रहा है।
पूर्व नियोजित तरीके से अंजाम दी गयी घटना
मंझुआ महादलित टोले के दुलाय राय कहते हैं की इस घटना को अंजाम देने के पहले 19 मई की शाम सात बजे तीन गांव के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की बैठक हुई। इस बैठक में मंझुआ के अलावा डेंगा टोली एवं मधुरापुर के सैकड़ों की संख्या में भाग लिया। महादलित टोले के ग्रामीणों के अनुसार इस बैठक में महादलितों को भगाने के लिए एक सदस्य के शामिल होने की बात कही गयी तथा जो इसमें भाग नहीं लेंगे उनसे बीस हजार का जुर्माना वसूल करना भी तय हुआ। इसके बाद 19 मई के रात महादलित टोले पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया गया।
24 अप्रैल को घटी थी पहली घटना
महादलित टोले में पहली घटना 24 अप्रैल को घटी थी जिसमें सुकारू राय के घर में आग लगा दी गयी थी। इस बैठक के पूर्व भी सोती टोला के मो. शाकिब के साथ बैठक हुई थी जिसमें कहा गया था कि वे अपने जमीन की घेराबंदी महादलित टोले के घरों को छोड़कर करेंगे। लेकिन इसके बाद भी आग लगा दी गयी। इस घटना को लेकर बायसी थाने में सुकरू राय द्वारा मामला भी दर्ज कराया गया लेकिन दूसरे दिन पुलिस ने उल्टे सुकरू राय के खिलाफ ही मामला थाने में दर्ज कर लिया।
कई महिला पुरूष है गंभीर रूप से घायल
महादलित टोले पर कहर बनकर टूटे लोगों द्वारा महिलाओं एवं बच्चों तक की जमकर पिटाई की गयी। इस पिटाई में लक्ष्मी देवी पति अशोक राय को लोहे के चैन सले पीटा गया है। अजय कुमार राय के सिर पर डंडे से हमला किया गया है तथा उर्मिला देवी के ऊपर लोहे के रड से हमला किया गया है। महादलित टोले के लोगों ने बताया की इस घटना के पीछे नजमूल हाजी मुख्य मास्टर माइंड है जबकि इलियास रिजवी एवं साकिब ने घटना को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मंझुआ गांव में हुई घटना के बाद पर्याप्त संख्या में पुलिस बल दंडाधिकारी के नेतृत्व में गांव में तैनात कर दिया गया है, मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है स्थिति पूरी तरह से सामान्य एवं नियंत्रण में है:दयाशंकर एसपी पूर्णिया