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योग्य शिक्षकों को तैयार करेगा बीएयू, पीएचडी के छात्र अब यूजी की लेंगे कक्षाएं

बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने भविष्य के लिए योग्य शिक्षकों को तैयार करने की योजना पर पहल शुरू कर दिया है। कृषि शिक्षा को गुणोत्तर बनाए रखने के लिए बीएयू प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में अब विवि प्रशासन ने यह खास तैयारी की है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 03:06 PM (IST)
योग्य शिक्षकों को तैयार करेगा बीएयू, पीएचडी के छात्र अब यूजी की लेंगे कक्षाएं
कृषि शिक्षा की गुणवत्ता पूर्ण होगी पढ़ाई।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा को गुणोत्तर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में अब विवि प्रशासन ने भविष्य के लिए योग्य शिक्षकों को तैयार करने की योजना पर पहल शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब अपने जूनियर यूजी के छात्रों को पढ़ाना होगा। ताकि वे शैक्षणिक कार्य में दक्ष हो सकें। यूजी की कक्षा लेने के दौरान उनके पढ़ाने की गुणवत्ता भी परखी जाएगी। हालांकि इस कार्य में उन्हें विश्वविद्यालय के शिक्षक भी अपेक्षित सहयोग करेंगे। पीएचडी की डिग्री में अब शैक्षणिक कार्य को भी अनिवार्य हिस्सा बना दिया गया है ताकि शिक्षक बनने के बाद वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें।

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निदेशक अनुसंधान डा. फ‍िजा अहमद ने कहा कि अब सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए भारत सरकार ने अभ्यर्थियों को नेट और पीएचडी क्वालिफाइड होना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि अब तक पीएचडी के छात्रों को शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कृषि शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाए रखने के लिए पीएचडी की डिग्री लेने वाले छात्रों के लिए शैक्षणिक कार्य को अनिवार्य कर दिया गया है।

बिहार कृषि विश्‍वविद्यालय के कुपलति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि पीएचडी की डिग्री के लिए शिक्षण कार्य को अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है ताकि वे भविष्य में योग्य शिक्षक बन सके। उन्‍होंने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय लगातार किसानों के हित में कार्य कर रही है। किसानों को हर प्रकार की सुविधा दे रही है।

बीएयू में एकेडमिक काउंसिल की बैठक 28 को

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में एकेडमिक काउंसिल की बैठक 28 जुलाई को 3:30 बजे होगी। इस बैठक में विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति को लागू करने पर गहन विमर्श किया जाएगा। बैठक में भाग लेने वालें को सूचना दे दी गई है। बैठक अनिवार्य है। यह जानकारी निदेशक अनुसंधान डा. फ‍िजा अहमद ने दी।


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