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फिर सियासी आसमान पर छाने को बेताब गिद्धौर का 'लाल कोठी', पूर्व सांसद पुतुल देवी ने की बैठक

गिद्धौर स्थित लाल कोठी में कार्यकर्ताओं के साथ बांका की पूर्व सांसद पुतुल देवी ने बैठक की। कार्यकर्ताओं ने अंतिम निर्णय लेने की जिम्मेदारी फ‍िलहाल उन्‍हीं पर छोड़ दिया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 08:00 PM (IST)
फिर सियासी आसमान पर छाने को बेताब गिद्धौर का 'लाल कोठी', पूर्व सांसद पुतुल देवी ने की बैठक
फिर सियासी आसमान पर छाने को बेताब गिद्धौर का 'लाल कोठी', पूर्व सांसद पुतुल देवी ने की बैठक

भागलपुर [संजय सिंह]। समाजवादी नेता स्व. दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल देवी के राजद में आने की आहट से पूर्व बिहार का सियासी तापमान बढ़ गया है। राजग और महागठबंधन, दोनों धड़ों के नेता इस नई सियासी चाल से परेशान हैं। कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए पुतुल ने अपने गिद्धौर स्थिति आवास 'लाल कोठीÓ में बैठक आयोजित की थी। बैठक में उन्होंने उनके और स्व. दिग्विजय सिंह के राजनीति अपमान की चर्चा की। कार्यकर्ताओं ने अंतिम निर्णय लेने की जिम्मेदारी पुतुल देवी पर छोड़ दी है।

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इधर, पुतुल देवी के निकटवर्ती कार्यकर्ताओं का मानना है कि मैडम राजद की नैया पर सवार हो सकती हैं। राजद को भी पुतुल के पार्टी में शामिल होने से जातीय समीकरण के आधार पर फायदा दिख रहा है। बताया जा रहा है कि सीटों को लेकर बात अटकी हुई है। पुतुल राजद से पांच सीटें चाहती हैं, जबकि राजद दो या तीन सीटें ही देने को तैयार है। हालांकि, इस गणित में राजद सुप्रीमो को कुछ नेताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ सकता है। बांका के पूर्व सांसद जयप्रकाश यादव इस बार चुनाव हार चुके हैं। उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में दो लाख 77 हजार वोट मिले थे। पुतुल की यह भी शर्त है कि राजद लोकसभा चुनाव के दौरान बांका से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाए। यदि राजद उनकी शर्तों को मान लेता है तो अपने पुराने और कद्दावर नेता जयप्रकाश यादव को अपने लिए नई राजनीतिक जमीन तलाशनी होगी। राजद नेताओं का कहना है कि इस बार के चुनाव में जयप्रकाश के विरोधियों ने बाहरी भगाओ का नारा देकर उनके समक्ष कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। ऐसे में जयप्रकाश मुंगेर लोकसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। इधर, पुतुल देवी जिन तीन सीटों की मांग कर रही हैं, उनमें अमरपुर महत्वपूर्ण है। यहां से मिथिलेश कुशवाहा और राजीव कुशवाहा जैसे लोग भी टिकट के दावेदार हैं। 2010 से पहले इस सीट पर राजद का कब्जा था और सुरेंद्र कुशवाहा यहां से चार बार विधायक चुने गए थे।

पुतुल ने बांका जिले में बांका और अमरपुर, भागलपुर जिले में सुल्तानगंज और जमुई जिले में झाझा विधानसभा सीट की मांग की है। बांका की राजनीति में जमुई का दखल कोई नई बात नहीं है। अमरपुर विधानसभा क्षेत्र से पुतुल अपनी बेटी और राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह को उम्मीदवार बनाना चाहती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ीं पुतुल देवी को एक लाख तीन हजार वोट मिले थे। इस चुनाव में अमरपुर विस क्षेत्र में उन्होंने 21,669 व बांका में 22,274 वोट पाए थे। बेलहर के विधायक गिरिधारी यादव के लोकसभा में जाने के बाद वहां हुए उपचुनाव में यह सीट राजद में खाते में चली गई। यहां से राजग (जदयू) गिरिधारी के भाई लालधारी यादव की पराजय हुई थी। इससे राजद समर्थकों में उत्साह बढ़ा है। बेलहर के राजद विधायक रामदेव यादव कहते हैं कि यदि पुतुल राजद में आती हैं तो दिग्विजय सिंह के सपनों का साकार करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।


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