Bank strike: हड़ताल से गिरा सर्राफा सहित दूसरे कारोबार का ग्राफ, 1250 करोड़ का लेनदेन फंसा
Bank strike बैंक हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दो दिनों में करीब 1250 करोड़ का लेनदेन फंसा है। कुछ निजी को छोड़कर ज्यादार एटीएम कैश आउट। निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर डटे रहे बैंक कर्मियों ने संसद मार्च की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। दो दिवसीय बैंक हड़ताल का असर शहर के व्यवसाय पर भी पड़ा है। सर्राफा, कपड़े, खाद्यान्न सहित दूसरे व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। जिले में महज 30 से 35 फीसद लोग ही डिजिटल पेमेंट से खरीदारी करते हैं। भागलपुर बाजार का कारोबार ग्रामीण इलाकों और दूसरे जिलों से भी होता है। ऐसे में लोग नकदी खरीदारी करते हैं। जिला स्वर्णकार संघ के उप सचिव अनिल कड़ेल ने बताया कि हड़ताल का असर सर्राफा पर पड़ा है। उन्होंने बताया कि 15 से 20 फीसद लोग डिजिटल कारोबार करते हैं, बाकी कारोबार नकद में होता है। दो दिनों के हड़ताल में 40 फीसद कारोबार प्रभावित हुआ है। वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स के पीआरओ अभिषेक जैन ने बताया कि भागलपुर भले ही स्मार्ट सिटी में आता है। लेकिन यहां का कारोबार ग्रामीण और दूसरे जिलों पर निर्भर करता है। अभी डिजिटल पेमेंट में भागलपुर काफी पीछे है। 30 से 35 फीसद ही लोग कार्ड या डिजिटल से भुगतान करते हैं। बैंक हड़ताल की वजह से मंझोले और छोटे व्यवसाय करने वालों को परेशानी हुई है।
बैंक कर्मियों ने भरी हुंकार, सुबह से डटे हैं हड़ताल पर
बैंक कर्मियों ने हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को खूब हंगामा बरपाया। सुबह से ही सभी बैंकों के अंचल ऑफिस के नीचे धरना पर बैठे रहे। केंद्र की तुगलकी फरमान के विरोध में नारे लगाए। बैंक यूनियन ने दो दिवसीय हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया। इधर, दूसरे दिन भी एटीएम सेवा प्रभावित हुई। सोमवार की तुलना में मंगलवार को कुछ निजी बैंक को छोड़कर ज्यादातर एटीएम बंद रहे, जो खुले थे उसमें कैश संकट रहा। लोग पैसे की निकासी के लिए कार्ड लेकर एक से दूसरे एटीएम का चक्कर लगाते रहे। दो दिनों की हड़ताल की वजह से जिले में बैंक का कारोबार पूरी तरह बंद रहा। सभी बैंक शाखाओं में ताला लटका रहा। एलडीएम मोना कुमारी ने बताया कि करीब 1250 करोड़ का ट्रांजेक्शन प्रभावित हुआ है। बुधवार शाम से एटीएम सेवा पूरी तरह बहाल होगी। राधा रानी सिन्हा रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक कार्यालय के समक्ष आइबॉक के सचिव प्रशांत मिश्रा के नेतृत्व में बैंक कर्मियों और दूसरे बैंक फेडरेशन के बैंनर तले कर्मी आवाज बुलंद किया।
अब संसद मार्च की चेतावनी
निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर डटे रहे बैंक कर्मियों ने संसद मार्च की चेतावनी दी है। आइबॉक के सचिव प्रशांत मिश्रा ने कहा कि चुनाव के समय जनता के साथ कई वायदे किए गए थे। अब सरकार बैंक कर्मियों की जिंदगी बर्बाद करने पर अडिग है। कार्पोरेट घराने को फायदा पहुंचाने के लिए ही निजीकरण की कवायद की जा रही है। अब हड़ताल के बाद संसद मार्च किया जाएगा। आइबॉक के जिला उपाध्यक्ष संजय लाठ ने भी तीखा हमला बोलते हुए सरकार को निर्णय को गलत बताया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक अरविंद रामा ने कहा कि सरकार का निजीकरण का निर्णय लाखों परिवार का भविष्य अंधकार में भेजने जैसा है। केनरा बैंक एसोसिएशन की ओर से अक्षय पासवान के नेतृत्व में बैंक अधिकारियों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की।