बांग्लादेशी बंदी शहादत हुसैन मादक पदार्थ की तस्करी में दोषी करार, ढांका का है रहने वाला
मादक पदार्थ की तस्करी मामले में बंग्लादेशी कैदी शहादत हुसैन दोषी पाया गया है। उसे आज सजा सुनाई जाएगी। भागलपुर जंक्शन पर पुलिस ने उसे मादक पदार्थों के साथ पकड़ा था। वह वेष बदल कर यहां रह रहा था।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अतुलवीर ङ्क्षसह ने शुक्रवार को बांग्लादेशी बंदी शहादत हुसैन उर्फ पायल मामले की सुनवाई पूरी करते हुए शहादत को मादक पदार्थ स्मैक और अन्य नशीली टिकिया की तस्करी करने, विदेशी अधिनियम का उल्लंघन कर धोखाधड़ी करने में दोषी ठहराया है। न्यायाधीश ने शहादत को सजा सुनाने के लिए शनिवार 17 अप्रैल की तिथि तय कर दी है। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक श्रीधर कुमार ङ्क्षसह ने बहस में भाग लिया। अभियोजन पक्ष ने केस के सभी गवाहों की गवाही कराई। गवाहों ने केस में लगे आरोपों का समर्थन किया था।
24 नवंबर 2018 की शाम भागलपुर स्टेशन पर पकड़ा गया था शातिर
बांग्लादेश के सोनिया एकरा गांव ढाका का रहने वाला शहाहद हुसैन बिना पारपत्र और वीजा के भारतीय सीमा में प्रवेश कर दिल्ली में अवैध रूप से किन्नरों की टोली में नकली किन्नर बनकर मादक पदार्थ की बिक्री किया करता था। उसी दौरान ब्रह्मपुत्र मेल से दिल्ली से मालदा जाने के क्रम में 24 नवंबर 2018 की शाम भागलपुर स्टेशन पर पानी लेने उतरा था। पानी की बोतल खरीदने के क्रम में ही उसकी गाड़ी छूट गई यह उसे चंद मिनट बाद पता चला था। उस समय रेल थाने के थानाध्यक्ष श्रीकांत मंडल ने शक के आधार पर उससे पूछताछ की तो उसकी भाषा जानने में असमर्थ थानाध्यक्ष ने उसे महिला पुलिस की मदद से हिरासत में लेकर थाने लाए। उसके बैग से नशीली टिकिया, स्मैक आदि बरामद किया गया था। वह खुद को बांग्लादेशी किन्नर बताया था।
उसने मांगने पर पासपोर्ट या वीजा प्रस्तुत नहीं किया था। थानाध्यक्ष ने उससे लंबी पूछताछ की तो उसने जल्द ही स्वीकार किया कि वह अनाधिकृत रूप से बांग्लादेश बार्डर से भारत में प्रवेश पाकर दिल्ली की किन्नर मंडली में शामिल हो गया था। वहां हुक्का बार, नाइट क्लब और फॉर्म हाउस में होने वाली पार्टियों में स्मैक और नशीली गोलियां बेचता था। उसने वहां बाकायदा एक बिचौलिए की मदद से आधार कार्ड तक बनवा लिया था। उसने अपने इकबालिया बयान में मादक पदार्थ की तस्करी और दिल्ली में देर रात तक होने वाले जरायम धंधे की कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को दी थी। रेल पुलिस हालांकि उसके बताए बांग्लादेश वाले पते का सत्यापन करने में विफल रही।