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मुंगेर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर का हाल बेहाल, चिकित्सकों की कमी और संसाधनों का घोर अभाव

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में संसाधनों का अभाव हैं। यहां न तो डॉक्टर हैं और न ही जरूरी चिकित्सकीय सामग्री। नब्ज देखते ही चिकित्सक कर देते हैं मरीज को रेफर इससे मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। पढ़ें पूरी खबर

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 06:00 PM (IST)
मुंगेर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर का हाल बेहाल, चिकित्सकों की कमी और संसाधनों का घोर अभाव
मुंगेर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर उदासीनता का शिकार।

आनंद चौहान, संग्रामपुर (मुंगेर)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर का हाल काफी बेहाल है। इस अस्पताल में सुविधाओं और संसाधनों की कमी है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक, एएनएम, जीएमटी और महिला चिकित्सकों की कमी है। इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक व महिला चिकित्सक के नहीं रहने से मरीजों को नब्ज देखेने के बाद ही डाक्टर मुंगेर या भागलपुर रेफर किया जाता है।

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यहां संग्रामपुर के अलावा बांका जिले के बेलहर व जमुई जिले के लक्ष्मीपुर,झाझा प्रखंड के लोग इलाज कराने आते हैं। अस्पताल में प्रभारी सहित कुल 12 पद हैं। जिसमें पांच विशेषज्ञ, चार एमबीबीएस, एक आयुष और एक दंत चिकित्सक शामिल हैं। एएनएम के 46 व जीएमटी के 16पद हैं। जिसमें एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि एमबीबीएस चार के बदले पांच हैं। आयुष चिकित्सक का पद वर्षों से रिक्त है।

  • -70 किमी दूर है जिला मुख्यालय से अस्पताल
  • -01 आयुष चिकित्सक की नहीं हो सकी नियुक्ति
  • -12 चिकित्सकों का पद है स्वास्थ्य केंद्र में सृजित
  • -125 प्रसव हर माह होता है स्वास्थ्य केंद्र में
  • -30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

एएनएम के जिम्मे प्रसव की जिम्मेदारी

अस्पताल में 46 एएनएम की जगह 35 व 16जीएमटी की नियुक्त हैं। महिला चिकित्सक के नहीं होने से प्रसव कराने की जिम्मेदारी एएनएम के कंधों पर है। प्रतिमाह लगभग 125 प्रसव होता है। आग से सुरक्षा के लिए 12 अग्निशमन यंत्र उपलब्ध है। आक्सीजन की समुचित व्यवस्था है। पांच स्ट्रेचर की उपलब्धता के बावजूद ट्राली मैने नहीं होने के कारण मरीजों के स्वजनों को ट्राली पर ले जाना पड़ता है। अस्पताल में सीबीसी, मधुमेह, एचआइवी, हेपेटाइटिस,खून जांच, प्रोटीन व टीवी के मरीजों की जांच होती है।

वेंटिलेटर और ब्लड की सुविधा नहीं

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 बेड है। गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। ब्लड की व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को परेशानी के साथ साथ आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। अस्पताल में 59 तरह की दवाइयां उपलब्ध है। फिजिशियन, शिशु रोग,हड्डी रोग,आंख के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। ऐसे में हृदय रोग,रक्तचाप, हड्डी ,आंख व दुर्घटना के शिकार मरीजों को परेशानी होती है। अस्पताल में वर्षों से फार्मासिस्ट व लैब तकनीशियन का पद रिक्त पड़ा है।

मरीजों के खाने में गुणवत्ता नहीं

मरीजों के खानपान की व्यवस्था पहले एनजीओ के जिम्मे था। अभी स्थानीय स्तर पर व्यवस्था कर खानपान उपलब्ध कराया जा रहा है। खाने में गुणवत्ता की कमी रहती है। अस्पताल में एक्सरे मशीन है। तकनीशियन के नहीं होने से सप्ताह में तीन दिन बंद रहता है। ऐसे में मरीजों को बाहर जाकर एक्सरे कराना पड़ रहा है। इससे स्वजनों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

'अल्ट्रासोनोग्राफी, फार्मासिस्ट,ड्रेसर, एक एंबुलेंस, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी है। इसके लिए कई बार विभाग को कहा गया है। कम संसाधन में मरीजों को बेहतर इलाज करने की कोशिश रहती है।'- डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, संग्रामपुर।


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