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सृजन घोटाला : 14.32 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त, प्रवर्तन निदेशालय ने की बड़ी कार्रवाई

Srijan scam सृजन घोटाले का पता आठ अगस्त 2017 को चला था। तब जिला नजारत शाखा के तत्कालीन नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव के बयान पर 10.26 करोड़ की अवैध निकासी का केस दर्ज किया गया था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 08:59 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 08:59 AM (IST)
सृजन घोटाला : 14.32 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त, प्रवर्तन निदेशालय ने की बड़ी कार्रवाई
सृजन घोटाला : 14.32 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त, प्रवर्तन निदेशालय ने की बड़ी कार्रवाई

भागलपुर, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की 14.32 करोड़ की संपत्तियां शनिवार को जब्त कर ली है। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, रांची, भागलपुर और पटना के 20 फ्लैट, नोएडा, गाजियाबाद और भागलपुर की 19 दुकानें और बिहार में भागलपुर समेत अन्य जिलों में 33 भूखंड और मकान शामिल हैं। इसके अलावा बैंक खातों में जमा 4.84 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए हैं।

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प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉडिंग एक्ट

बता दें कि सृजन संस्था के विरुद्ध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। इसी आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच शुरू की थी। संस्था के विरुद्ध पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉडिंग एक्ट) भी लगाई गई है। जांच के दौरान सीबीआइ को पता चला कि 2003-04 में सरकारी खातों से सृजन संस्था के खाते में अवैध रूप से करीब 557 करोड़ रुपये डाले गए। इस मामले में संस्था की सचिव मनोरमा देवी, उसका बेटा अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया समेत अन्य लोग मुख्य आरोपित हैं। मनोरमा देवी की मौत हो गई है। अमित व रजनी प्रिया अब भी सीबीआइ की पकड़ से बाहर हैं।

क्या है मामला : सृजन घोटाले का पता आठ अगस्त 2017 को चला था। तब जिला नजारत शाखा के तत्कालीन नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव के बयान पर तिलकामांझी चौकी में 10.26 करोड़ की अवैध निकासी का केस दर्ज हुआ था। यह केस तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के निर्देश पर हुआ था। इसमें आरोप था कि जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर किया चेक इंडियन बैंक की पटल बाबू रोड स्थित शाखा को दिया गया। यह चेक सरकारी खाते में जमा नहीं होकर सृजन संस्था के खाते में जमा किया गया। डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी से इसकी जांच कराई थी। इसके बाद घोटाले की परत दर परत उतरती चली गई। 2200 करोड़ रुपये से अधिक घोटाला अब तक सामने आ चुका है।


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