RPF का ASI लापता : घर में मिला पत्र, लिखा था- 'अकेले आए हैं अकेले जा रहे हैं...'
शनिवारकी रात एसआइ ड्यूटी ऑफ करने के बाद क्वार्टर पहुंचा। सुबह पांच बजे उसकी पत्नी ने बेड के पास टेबल पर पत्र देखा। वह पटना जिले के बाढ थाना अंतर्गत रूपस गांव का रहने वाला है।
भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर आरपीएफ पोस्ट में तैनात एएसआइ शशिरंजन कुमार रहस्मय तरीके से क्वार्टर से लापता हो गया। एसआइ ने घर में पत्नी के नाम से पत्र भी छोड़ा है। एएसआइ साथ में न तो मोबाइल और न पैसा ले गया है। लापता की सूचना तातारपुर थाने को दी गई है। पत्र में लिखे शब्द को पढ़कर पुलिस भी सोच पड़ गई है। सूचना मिलते हैं परिजन, रिश्तेदार और दोस्त आरपीएफ क्वार्टर पहुंचे। एएसआइ पटना जिले के बाढ़ थानांतर्गत रूपस गांव का मूल निवासी है।
रोजाना की तरह शनिवार की रात एसआइ ड्यूटी ऑफ करने के बाद क्वार्टर पहुंचा। पत्नी और दो बच्चों के साथ भोजन भी किया। इसके बाद अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह सुबह पांच बजे जब पत्नी मिक्की कुमारी उठी तो देखा कि कमरे में कमरे में वह नहीं है। बेड के पास टेबल पर पत्र था। इसके बाद इसकी सूचना आरपीएफ इंस्पेक्टर और घरवालों को दी। पत्नी ने कहा कि मोबाइल और एक हजार नकद टेबल पर रखा हुआ था।
दुनिया सब मायाजाल है
पत्र में शशिरंजन ने लिखा है कि दुनिया सब मायाजाल है जिंदगी में कुछ नहीं रखा हुआ है। अकेले आए हैं अकेले जा रहे हैं। साधना से ही मन और शरीर को शांति मिल सकती है। ऐसे ही शब्द पत्र में है। अपनी मर्जी से जा रहे हैं। अपना और बच्चों का ध्यान रखना। कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। पत्नी ने बताया वृंदावन जाने की बात बराबर कहते थे।
परिवार में मचा कोहराम, खोजबीन शुरू
लापता होने के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव से भाई और परिवार के अन्य सदस्य भागलपुर पहुंचे। सभी अपने स्तर से खोजबीन शुरू कर दी है। लापता एएसआइ पटना जिले के बाढ थाना अंतर्गत रूपस गांव का रहने वाला है।
अज्ञात मिस्ड कॉल ने बढ़ाई चिंता
रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट भागलपुर में तैनात एएसआइ शशिरंजन कुमार के क्वार्टर से लापता होने का मामला रहस्यमय बनता जा रहा है। दो दिन बाद भी एएसआइ का पता नहीं चल सका है। इस बीच मंगलवार की सुबह पत्नी के मोबाइल पर आए एक अज्ञात मिस्ड कॉल ने परिजनों की चिंता बढ़ा दी है। परिजन काफी सहमे हैं।
दरअसल, सुबह सवा दस बजे एएसआइ की पत्नी के नंबर 9648446330 नंबर से एक मिस्ड कॉल आया। करीब आधे घंटे बाद इस नंबर पर पत्नी और परिजन ने फोन लगाया तो मोबाइल वाले ने एएसआइ का हुलिया बताया और एएसआइ द्वारा ही फोन करने की की बात कही, उस वक्त कोच में एएसआइ के नहीं होने की जानकारी दी।
फोन रिसीव करने वाले ने बताया कि वह दून एक्सप्रेस से देहरादून जा रहे हैं। भाई रंधीर कुमार सिंह ने बताया कि जिस वक्त फोन किया गया था उस समय ट्रेन का रनिंग स्टेटस वाराणसी बता रहा था। फिर कुछ देर बाद लखनऊ पहुंचने की बात कही और आधे घंटे बाद कहा कि तीन से चार घंटे में ट्रेन हरिद्वार पहुंचने वाली है। यह बात सुनकर परिजन को अटपटा लग रहा। परिजन काफी चिंतित है। केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने बतया कि जवान को फोटो सभी स्टेशनों पर भेजा गया है। आरपीएफ के साथ संघ भी खोजने में जुटी है।
सीसीटीवी में नहीं मिला सुराग
सोमवार को रेलवे सुरक्षा बल ने जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला गया। पर, एएसआइ का पता नहीं चल सका। आरपीएफ खोजबीन कर रही है।