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जमुई में आशा ने बीसीएम पर लगाए कई बड़े आरोप, जमकर कर दी पिटाई

जमुई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट में उस समय काफी विवाद हो गया जिस समय आशा ने बीसीएम पर कई आरोप लगाए। आरोप लगाने के साथ उसकी पिटाई भी कर दी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 04:28 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 04:28 PM (IST)
जमुई में आशा ने बीसीएम पर लगाए कई बड़े आरोप, जमकर कर दी पिटाई
जमुई में आशा ने बीसीएम पर लगाए कई बड़े आरोप, जमकर कर दी पिटाई

जमुई, जेएनएन। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरहट के प्रखंड सामुदायिक उत्प्ररेक (बीसीएम) को आशा कार्यकताओं से नजराना मांगना भारी पड़ गया। तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद बीसीएम की पिटाई से खत्म हुआ। दरअसल गुरुवार को लगभग ढेड़ दर्जन आशा प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र विभिन्न योजना भुगतान लंबित रहने की जानकारी लेने पहुंचे थे। इस बीच बीसीएम और आशा कार्यकर्ता विवाद शुरू हो गया। धक्का-मुक्की के बाद आशा ने बीसीएम की पिटाई कर दी। इस दौरान बीसीएम ने भी घूसा चलाया लेकिन संख्या बल के आगे विवश हो गया। इस घटना में एक आशा के कान की बाली, चूड़ी टूट गई तो बीसीएम को शर्ट पीछे से फट गया। लगभग एक घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा पर कोई पदाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। कुछ देर बाद बरहट थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों को पक्ष को थाना में बुलाया।

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आशा ने लगाया ये आरोप

आशा कार्यकर्ता स्वीटी, रागिनी, रीता, रेणु, रेखा, बेबी, जयंती, सुनीता, सुगिया, सरला, संगीता, उषा देवी, लक्ष्मी आदि ने बताया कि बीसीएम और एकाउंटेट द्वारा नजराना मांगा जाता है। कहा जाता है कि जो भी भुगतान हो रहा है उसमें पचास फीसद लेने के बाद ही राशि खाता में भेजेंगे। जहां शिकायत करना है करो, नीचे से उपर तक पैसा जाता है। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें मानसिक रूप में परेशान किया जाता है। जो नजराना देते हैं उनका तुरंत भुगतान कर दिया जाता है। कोराना काल में घर-घर सर्वे के एवज में दी जाने वाली राशि भी नहीं दी गई है। इसी प्रकार इसी वर्ष फरवरी तो कुछ योजना में दो वर्ष से पैसा लंबित है। बीसीएम और फैसिलेटर सीधे बिना नजराना लिए राशि नहीं देने की बात कहते हैं। कई बार वरीय पदाधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हमलोग रात दिन मेहनत कर स्वास्थ्य विभाग के उद्देश्य को सफल बनाते हैं मगर पैसा के अभाव में हमलोग परेशान हैं। स्वीटी ने बताया कि हमलोगों को हर महीने मिलने वाली राशि 1200 रुपया भी नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा ये लोग दो हजार प्रोत्साहन राशि में पांच सौ, जन्म प्रमाण पत्र में दो सौ रुपया, पोलियो में एक सौ रुपया, बीएसटी में पचास रूपया, विटामीन ए कार्यक्रम में दो सौ रुपया बतौर नजराना मांगते हैं। आयुष्मान भारत में तीन वर्ष पूर्व किए गए कार्य का अबतक भुगतान नहीं किया गया है। एक महिला ने दूसरे बच्चे को जन्म दे दिया लेकिन उन्हें पहले बच्चे की प्रोत्साहन राशि अबतक नहीं दी गई। हर दिन स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगाना पड़ता है। हालांकि बीसीएम शैलेंद्र कुमार ने कहा कि मामले की जांच होगी तो सत्य सामने आ जाएगा।

आशा का भुगतान करना सरकार की प्राथमिका है। मामले की जांच की जाएगी और भुगतान में विलंब के लिए जो भी उत्तरदायी होंगे उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। आशा कार्यकर्ता भुगतान संबंधी शिकायत सीधे डीएचएस में भी कर सकती है। - सुधांशु नारायण लाल, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति, जमुई


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