Araria: छह माह बाद खुला नेपाल का द्वार... कोरोना के कारण भारत-नेपाल सीमा को किया गया था सील
छह माह बाद नेपाल सीमा पर मुख्य द्वार खोल दिया गया है। कोरोना के कारण भारत नेपाल सीमा को सील किया गया था। अब पैदल यात्रियों के लिए इसे खोल दिया गया है। इससे आसपास के इलाके के लोगों को...!
संवाद सूत्र, जोगबनी (अररिया)। कोरोना के समय बंद भारत नेपाल के जोगबनी मुख्य सीमा होकर बुधवार को पैदल यात्रियों का आवागमन सुचारू कर दिया गया है। लगभग 18 माह बाद नेपाल ने मुख्य सीमा से यात्रियों के लिए आवागमन सुचारू किया है। जबकि भारत ने अपनी सीमा छह माह पूर्व ही खोल दिया था। लेकिन नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा कोरोना को लेकर सीमा को बंद रखा था। जिसको लेकर नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों द्वारा आंदोलन भी किया गया, लेकिन इसका कोई असर नेपाल सरकार पर नहीं दिखा। परंतु नेपाल में सरकार बदलते ही लोगों को सीमा खुलने की आस जगी थी और कांग्रेस के शेरबहादुर देऊवा की चंद महीने बनी सरकार ने पैदल यात्रियों के लिए नेपाल के द्वार खोल दिया।
-भारत ने अपनी सीमा छह माह पूर्व ही खोल रखी है।
-नेपाल के ओली सरकार द्वारा कोरोना के नाम पर 18 माह से सीमा को बंद रखा
-नेपाल में सरकार बदलने के साथ ही सीमा खोलने की सुगबुगाहट हो गई थी शुरू।
मुख्य सीमा के खुलने की खबर से लोगों में खुशी छा गई। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सीमा होकर आवागमन सुचारू होना खुली हवा में सांस लेने जैसा था। क्योंकि नेपाल सीमा बंद रहने के कारण लोगों को अन्य चोरी छिपे रास्ते होकर आना जाना पड़ता था जिस कारण पुलिस के कोपभाजन भी होता था। लेकिन मुख्य सीमा होकर अवागमन के सुचारू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सीमा खुलते ही जहां दर्जनों यात्री नेपाल से जोगबनी आए वहीं लगभग दो दर्जन से अधिक भारतीय नेपाल गये।
इस संबंध में जोगबनी एसएसबी के सहायक सेनानायक अमरेन्द्र कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि सीमा खुलने की सूचना पूर्व से होनी थी। क्योंकि स्वतंत्रता दिवस को लेकर सीमा पर हाईअलर्ट है जिस कारण सुरक्षा की ²ष्टि से यह आवश्यक हो जाता है फिर भी हमारे जवान किसी भी आकस्मिक घटना को लेकर तैयार है। सघन जांच की जा रही हैं।