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यूपी भेजे जा रहे झारखंड में तैयार अफीम, भागलपुर-नवगछिया तस्करों के लिए सेफ जोन

झारखंड में तैयार अफीम को भागलपुर होकर यूपी भेजा जा रहा है। इसे मालवाहक ट्रकों में अदरक केला सकरकंद अनाज आदि से भरे ट्रक में छिपा कर अफीम को भेजा जा रहा है। इसके लिए भागलपुर और नवगछिया का रूट सेफ जोन है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 03:03 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 03:03 PM (IST)
यूपी भेजे जा रहे झारखंड में तैयार अफीम, भागलपुर-नवगछिया तस्करों के लिए सेफ जोन
झारखंड में तैयार अफीम को भागलपुर होकर यूपी भेजा जा रहा है।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। पाकिस्तानी सीमा से नशे के काले कारोबार का दंश झेल रहे पंजाब के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिले झारखंड में माओवादियों के तैयार कराए गए अफीम से बर्बाद हो रहे हैं। झारखंड के रांची, धनबाद, गिरीडीह अब तो बिहार के जमुई, झाझा, चकाई जैसे जगहों में भी नक्सली बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करा हे हैं। जंगल क्षेत्र में बसने वाली आबादी पर बंदूक का दवाब बना अफीम उपज कराने वाले माओवादी उन्हें शहरी आबादी में सक्रिय तस्करों के जरिए उत्तर प्रदेश के जिलों में भेज रहे हैं। मालवाहक ट्रकों में अदरक, केला, सकरकंद, अनाज आदि से भरे ट्रक में छिपा कर अफीम को भेजा जा रहा है।

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अफीम का काला कारोबार करोड़ों का बताया जा रहा है। खुफिया अधिकारियों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों को नक्सलियों की इस काले धंधे की भनक तकनीकी निगरानी में मिली है। बताया जा रहा है कि रांची, धनबाद, गिरीडीह के जंगल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती कराई जा रही है। उन अफीम को तैयार करा कर ट्रकों में वाराणसी, गोरखपुर, मऊ, आजमढ़, बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, फरुर्खाबाद, अलीगढ़, मुगलसराय आदि जगहों पर भेजा जा रहा है।

23 मार्च 2021 को फर्रुखाबाद में पकड़ी गई थी 13 किलोग्राम अफीम, दो करोड़ की आंकी गई कीमत

मालवाहक ट्रक में रांची से छिपा कर भागलपुर-नवगछिया असम रोड से बरेली भेजी जा रही अफीम की खेप 23 मार्च 2021 को बरेली फर्रुखाबाद में पकड़ी गई थी। इटावा- बरेली उच्च मार्ग पर वाहनों की तलाशी के दौरान अंधेरे का फायदा उठा ट्रक चालक और खलासी भाग निकले थे। तलाशी के क्रम में ट्रक में छिपा कर रखी गई 13 किलोग्राम अफीम बरामद की गई। जिसकी कीमत दो करोड़ आंकी गई है। बाद में पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए बरेली के शाही रमपुरा इलाके से ट्रक चालक दिनेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। फर्रुखाबाद एसपी एके मीणा ने यूपी पुलिस मुख्यालय को घटना की जानकारी दी। मामले में झारखंड पुलिस मुख्यालय से संपर्क भी साधा गया है। तस्करों का माओवादियों से रिश्ते की जानकारी पर खुफिया टीम अफीम तस्करी को लेकर जो जानकारी जुटाई वह चौंकाने वाली बताई गई है। फर्रुखाबाद में बरामद अफीम की जानकारी पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम रांची पुलिस से संपर्क साधा है। खुफिया अधिकारियों ने तकनीकी निगरानी में इस बात का पता लगाया है कि गिरीडीह, धनबाद, जमुई के घने जंगलों में उगाई गई अफीम को भागलपुर के रास्ते असम रोड से उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है।

ट्रक चालकों से तस्कर पटा लेते हैं माल पहुंचाने का सौदा

फर्रुखाबाद में पकड़े गए चालक के स्वीकारोक्ति बयान और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, खुफिया अधिकारियों की टीम ने जो जानकारी जुटाई है उसमें उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत अन्य राज्यों की परमिट वाले मालवाहक ट्रकों के चालकों से झारखंड के तस्कर संपर्क कर उन्हें अपने ट्रकों में रखे माल में छुपाकर अफीम ले जाने का सौदा पटाते हैं। तस्करी में लगे ङ्क्षसडिकेट ट्रक चालकों से दो लाख रुपये तक में सौदा होता है। पकड़े गए चालक दिनेश को दो लाख रुपये मिलने थे बरेली तक माल पहुंचाने के। इसके लिए नैनीताल के ड्रग सप्लायर डालचंद्र उर्फ दिनेश के लिए अफीम रांची से भेजी गई थी। खुफिया अधिकारियों की माने तो धनबाद के टुंडी और गिरीडीह से अफीम भागलपुर-नवगछिया के असम मार्ग से उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। अगरतला से नारियल में छिपा कर गांजा लाने वाले ट्रक चालकों से भी झारखंड के अफीम तस्करों के हाथ मिलाने की बात कही जा रही है।

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