Move to Jagran APP

पूर्णिया में खाद की किल्‍लत झेल रहे किसानों को एक और झटका, अचानक नहर टूटी, खेत में लगी फसल बर्बाद

पूर्णिया में अचानक नहर टूट गई। सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल हुई बर्बाद। किसानों ने कहा कि यहां तो समय पर पानी नहीं आता और जब भी आता है तो इसका बांध टूट जाता है। इससे यहां काफी परेशानी हो रही है। पहले से खाद की किल्‍लत है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 10:45 PM (IST)
पूर्णिया में खाद की किल्‍लत झेल रहे किसानों को एक और झटका, अचानक नहर टूटी, खेत में लगी फसल बर्बाद
रहुआ पंचायत अंतर्गत केजीडी नहर का बांध टूटने से खेतों में फैला पानी।

संवाद सूत्र, हरदा (पूर्णिया)। खाद की किल्लत झेल रहे किसानों को एक और झटका लगा है। नहर टूटने से दर्जनों किसानों के सैकड़ों में लगी फसल बर्बाद हो गई है। केनगर प्रखंड के केजीडी नहर की उत्तर बांध पनसोही फाटक के समीप मंगलवार की रात टूट गयी। जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गई है। पानी के तेज बहाव के कारण चरकठिया, छोटी बैगना, बैगना व सहरा बहियार में सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो गयी।

loksabha election banner

स‍िंचाई के लिए दशकों पूर्व बनाई गई नहरें अब किसानों को नुकसान पहुंचाने लगी है। केजीडी नहर अति जर्जर हो गई है जो पानी का दबाव नहीं सह पाती है और यह बार-बार टूटती रहती है जिससे किसानों को नुकसान पहुंचाती रहती है। किसानों को सिंचाई के बजाय यह फसलों को बर्बाद कर जाती है। एक तो इसमें समय पर पानी नहीं आता और जब भी आता है तो कही न कहीं इसका बांध टूट जाता है। इस पूर्व भी यह नहर कई बार टूट चुकी है। गत वर्ष मार्च के महीने में यह नहर कल्याणपुर गांव के पास कट गई थी जिसमें सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का व अन्य फसल बर्बाद हुई थी। एक बार फिर यह नहर टूट गई है जिससे रहुआ के साथ सहरा पंचायत के किसानों को भी नुकसान पहुंचा है।

कल्याणपुर गांव के दिगंबर महतो ने बताया कि जब सरकार नहर की मरम्मत नहीं करा सकती है तो फिर उसमें पानी क्यों छोड़ती है। यह लाभ से अधिक हानि पहुंचा रही है। बताया कि उसने पांच बीघा में मक्का लगाया है। एक तो किसी तरह अधिक कीमत में खाद का इंतजाम कर फसल लगाया लेकिन इस पानी ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। यहीं रोना किसान बैजनाथ यादव का भी था।

उन्होंने बताया कि करीब दो बीघा में तोड़ी की फसल बोया था लेकिन नहर टूटने से पूरी फसल बर्बाद हो गई है। टुनटुन शर्मा ने बताया कि उसने दो बीघा में गेहूं लगाया था। फसल को कमा कर उसमें यूरिया खाद डाला था लेकिन इस बीच नहर के पानी ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से उनकी फसल को नुकसान पहुंचा है इसलिए सरकार उन्हें मुआवजा दे। विदित हो कि खेतों में पानी फैलने से गेंहू, मक्का, दलहन व आलू की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.