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संतोषी मंदिर का वार्षिकोत्सव : 'निमिया के डार मैया झुलेली झुलनवा कि झूली झूली ना'

सच्चिदानगर स्थित संतोषी माता का भागलपुर जिले में यह मात्र मंदिर है। वर्ष 2015 में इस मंदिर का निर्माण हुआ था। प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को इस मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 12:42 PM (IST)
संतोषी मंदिर का वार्षिकोत्सव : 'निमिया के डार मैया झुलेली झुलनवा कि झूली झूली ना'
संतोषी मंदिर का वार्षिकोत्सव : 'निमिया के डार मैया झुलेली झुलनवा कि झूली झूली ना'

भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी हवाई अड्डा स्थित सच्चिदानंदनगर में माता संतोषी मंदिर का चौथा वार्षिकोत्सव समारोह 22 अप्रैल सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मुख्य आयोजक यजमान पवन कुमार शर्मा ने विधि विधान से पूजन किया। दिन भर पूजन, हवन और आरती का दौर चलता रहा। बड़ी संख्या में भक्त यहां आए थे। दिन भर हुए भंडारा में एक हजार से ज्यादा लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद देर शाम आकाशवाणी भागलपुर के वरीय उद्घोषक डॉ. विजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में भजन संध्या आयोजित की गई।

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जय-जय संतोषी माता जय-जय

संतोषी माता के वार्षिकोत्सव पर आयोजित भक्ति जागरण में एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति हुई। आकाशवाणी भागलपुर के वरीय उद्घोषक डॉ. विजय कुमार मिश्र की आकर्षक संचालन से सभी लोग भावविभोर और गदगद हो गए। जैसे ही डॉ. मिश्र मंच पर पहुंचे लोगों ने 'विरजू भैया-विरजू भैया' के नारे लगाने शुरू कर दिए। उनका एक-एक शब्द मानो सभी को मदहोश कर रहा था।

संतोषी माता के जयकारे के साथ जागरण की शुरूआत 'सरगम इवेंट' भागलपुर के गायक रवि शंकर रवि ने गणेश बंदना से की। उन्होंने माता गीत 'लाल चुनरी सितारोंवाली', 'ऊंचे-ऊंचे पर्वतों पे बैठी कोयल बोले', 'नाहीं वाटे नारियल' आदि भजन पेश किए। गायक राजू राजा ने 'चलो बुलावा आया है', 'झुरू-झुरू निमियां गछिया', 'तेरे दर पे ओ मोरी मैया' और रंजीता पाठक ने 'ओ मां मेरी', 'नसीबों तेरा जाग जाएगा', 'नीमियां के डार मैया' भजन गाए। जागरण में विभिन्न वाद्य यंत्र पर प्रशांत मिश्रा, बादल, निराले, उजाले, राहुल आदि थे। राजू राजा और रंजीता पाठक की युगल भक्ति से वहां के लोग भक्ति से झूम उठे। दोनों ने 'हे गणेश के पापा' गीत पर नृत्‍य करते हुए बेहतरीन गायिकी पेश की। इस युगल गीत पर सभी दर्शक ताली बजाते हुए अपने स्‍थान पर खडे होकर नांचने लगे। वहीं, राजू राजा ने इस दौरान लोगों की भीड में जाकर बेहतरीन कलाकारी पेश की। अंत में जय-जय संतोषी माता जय-जय की प्रस्तुति हुई, जिसमें सभी लोग खड़े होकर ताली बजा रहे थे।

जिले का एक मात्र संतोषी मंदिर

संतोषी माता का जिले में यह मात्र मंदिर है। वर्ष 2015 में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को इस मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। इस मंदिर में मां संतोषी की भव्य प्रतिमा के अलावा एक दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इस मंदिर के माध्‍यम से समाज सेवा की जाती है। यहां चिकित्‍सा शिविर भी लगाया जाता है। वहीं, नेत्र रोगियों को उपचार के लिए मंदिर के व्यवस्थापक आर्थिक मदद करते हैं।

सराहनीय भूमिका 

इस आयोजन में कामेश्वर प्रसाद शर्मा, नरेश प्रसाद मंडल, सरजू मंडल, विजय कुमार मिश्र, रवि शंकर रवि, महेन्‍द्र प्रसाद मंडल, संजय कुमार, दिनेश प्रसाद मंडल, रणजीत आदि लगे हुए हैं। वार्षिकोत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। रंगाई-पुताई और रोशनी से पूरा परिसर जगमगा रहा था। समारोह भक्तिमय हो गया।


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