न्यायालय गेट में ताला लगाए जाने के विरोध में नाराज अधिवक्ताओं ने दिया धरना, बोले जिला जज सुरक्षा की दृष्टिकोण से बंद किया गया था प्रवेश द्वार
कोर्ट प्रशासन द्वारा न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार में ताला लगा दिए जाने के बाद अधिवक्ताओं को आवाजाही में परेशानी होने लगी। इस बाबत अधिवक्ता संघ ने विरोध में गेट पर धरना शुरू कर दिया। सूचना पर जिला जज ये वार्ता हुई तब जाकर गेट खोला गया
जागरण संवाददाता, खगड़िया । सिविल कोर्ट खगड़िया के अधिवक्ता सोमवार को न्यायालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और धरना पर बैठ गए। आंदोलन का नेतृत्व जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष नागेश्वर प्रसाद सिंह कर रहे थे। इससे अफरातफरी मची रही। कैदी वाहन तक को न्यायालय के अंदर जाने में परेशानी हुई। अधिवक्ताओं का आरोप था कि जिला जज ने न्यायालय के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर आम जनता सहित अधिवक्ताओं के आवागमन के रास्ते को बाधित किया है। अधिवक्ताओं की गाड़ियों को अंदर जाने से रोक दिया गया है। जो गलत है। इसकाे लेकर अधिवकताओं में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही थी।
कोर्ट मैनेजर ने कहा संवादहीनता के कारण उत्पन्न हुई समस्या
अधिवक्ताओं का कहना था कि हमलोगों के रास्ते को अवरुद्ध किया गया है, तो हमलोग भी किसी को जाने एवं निकलने नहीं देंगे। अधिवक्ता दिन भर मुख्य द्वार पर धरना पर बैठे रहे। न्यायालय प्रशासन द्वारा धरना पर बैठे लोगों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन, बात नहीं बनी। कोर्ट मैनेजर ने आकर धरना पर बैठे लोगों को बताया कि संवादहीनता के कारण ऐसी बात हुई है।
बोले जिला जज सुरक्षा को लेकर किया गया था ताला बंद
जिला जज को सूचना मिली थी कि कुछ लोग कचहरी रोड पर लाश रखकर सड़क जाम कर दिया है। कोई मृतक के स्वजन को कोर्ट कैंपस में लाश रखने के लिए उकसा रहा है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गेट में ताला लगा दिया गया है। ऐसी बात नहीं है कि किसी वकील को आने- जाने से रोका जाए। लेकिन धरना पर बैठे अधिवक्ता नहीं माने। शाम में अध्यक्ष नागेश्वर प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष पुलकित यादव व अन्य अधिवक्ताओं के साथ जिला जज की सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई। इसके बाद धरना समाप्त हुआ। जिला जज ने कहा कि मेरा इरादा आपलोगों के रास्ते को बाधित करने का नहीं था, बल्कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया।