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Ambulance case in Bihar: एंबुलेंस के चक्‍कर में चली जाती है मरीजों की जान, भाड़ा निर्धारित किया, जो मन में आया वसूल लिया

Ambulance case in Bihar कोरोना काल में एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीज काफी परेशान होते हैं। एंबुलेंस के कारण कई मरीजों की जान चली जाती है। वहीं चालक मनमाना रुपया वसूलते हैं। जितना मन किया बोल दिया और रुपया वसूल लिया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 10:18 AM (IST)
Ambulance case in Bihar:  एंबुलेंस के चक्‍कर में चली जाती है मरीजों की जान, भाड़ा निर्धारित किया, जो मन में आया वसूल लिया
भागलपुर के सदर अस्‍पताल में एंबुलेंस ।

जागरण सवांददाता, भागलपुर। Ambulance case in Bihar:  एक ओर जहां सांसद राजीव प्रताप रूडी और पूर्व सांसद पप्‍पू यादव के बीच चल रहे एंबुलेंस का मामला अभी थमा भी नहीं था कि भागलपुर में भी एंबुलेंस की किल्‍लत हो गई है। एंबुलेंस चालक ही मालिक हो गया है। यहां मरीजों को एंबुलेंस आसानी से नहीं मिलता है। मिलता भी है तो कई गुणा ज्‍यादा रुपये लिए जाते हैं। यूं कहें कि चालक को जितना मन में आता है, उतना बोल देते हैं। मजबूरी में मरीजों के स्‍वजन रुपया देने के बाध्‍य हो रहे हैं।

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कोरोना लोगों के लिए आफत बना हुआ है। लेकिन कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया भी। लोगों का एक वर्ग जहां सेवा भाव से कोरोना मरीजों को आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध करवाने में खुद को झोंक दिया है, वहीं, कई लोग कमाने के चक्कर में मरीजों के स्वजन की जेब पर डाका डालने में लगे हुए हैं। इनमें कुछ निजी एम्बुलेंस चालक भी शामिल हैं।

जेएलएनएमसीएच में भर्ती जब कोरोना मरीज की हालत खराब हो जाती है अथवा स्वजन खुद मरीज को बाहर ले जाना चाहते हैं तो निजी एंबुलेंस चालक मनमाना शुल्क लेने के लिए अड़ जाते हैं। पटना ले जाने के लिए 30 से 40 हजार रुपये ले रहे हैं, वहीं सिलीगुड़ी या कोलकाता जाने के लिए 40 से 50 हजार मांगते हैं। स्थिति यह है कि शहर के निजी अस्पताल से सरकारी अस्पताल मरीजों को ले जाने में भी पांच से 10 हजार रुपये एंबुलेंस चालक वसूल लेते हैं।

एक डॉक्टर के मुताबिक उनके बीमार रिस्तेदार को कोलकाता भेजना था, निजी एंबुलेंस चालक ने 46 हजार रुपये लिए। एक व्‍यवसायी के कोरोना से बीमार पुत्र को सिलीगुड़ी ले जाने के लिए भी 43 हजार देने पड़े। स्वास्थ्य विभाग इस मनमानी पर लगा रोक लगाने में विफल साबित हो रहा है।

सरकारी एंबुलेंस कोई शुल्क नहीं लगता

जिले में एजेंसी द्वारा 33 एंबुलेंस संचालित है। एंबुलेंस कंट्रोलर मुकेश कुमार ने बताया कि जिले सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस की सुविधा है। पीएचसी से सदर अस्पताल या मायागंज अस्पताल मरीजों को लाने में शुल्क नहीं लिए जाते। अगर मायागंज से मरीजों को पटना रेफर किया जाता है, तो मरीजो को निश्‍शुल्क ले जाया जाता है।

सामान्य दिनों में निजी एम्बुलेंस का शुल्क

पटना   : पांच से सात हजार

सिलीगुड़ी : आठ से 10 हजार

कोलकाता : 25 से 30 हजार

निजी एंबुलेंस चालक अगर अन्य शहरों में मरीज को ले जाने में अगर मनमाना किराया ले रहे हैं तो यह अनुचित है। शिकायत मिलने पर करवाई की जाएगी। लेकिन अभीतक किसी ने भी शिकायत नहीं की है। -  डॉ उमेश शर्मा, सिविल सर्जन


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