जेडीयू में नहीं है आल इज वेल! एमएलसी चुनाव से पहले सांसद और विधायक के बिगड़े सुर, पार्टी पर दोनों को भरोसा
एमएलसी चुनाव से पहले जेडीयू में आल इस वैल नहीं दिख रहा है। सांसद और विधायक दोनों के सुर और ताल में अंतर दिखने लगा है। दोनों के अपने-अपने दावे हैं लेकिन समानता दिखती है तो वह केवल एक दोनों को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भरोसा है।

बांका [बिजेन्द्र कुमार राजबंधु]। मौसम का हाल चाहे जैसा हो, लेकिन बिहार में सियासी तापमान एक बार फिर चढ़ने लगा है। बिहार में 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव का बड़ा कारण है। हर पार्टी के अपने-अपने दावे हैं। उम्मीदवार अभी से ही पटना के दरवार में हाजिरी लगा रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM NITISH KUMAR) की पार्टी जेडीयू (JDU) में आल इज वैल नहीं दिख रहा है।
पार्टी के सांसद और विधायक के सुर-और ताल अलग-अलग दिखने लगे हैं। दोनों अलग-अलग राग अलाप रहे हैं। हां दोनों में एक बात की समानता है, दोनों को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भरोसा है। और दोनों उस निर्णय को मानने को तैयार हैं।
दरअसल, भागलपुर सह बांका विधान परिषद चुनाव (MLC ELECTION) को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। खासकर बांका जिला निवासी मनोज यादव का इस सीट पर दो बार से कब्जा रहने से इसको लेकर जिले में राजनीतिक हलचल तेज है। मनोज के बेलहर से जदयू विधायक बनने के बाद यह सीट जुलाई माह से ही रिक्त है। चुनाव में राजद ने सीपीआई के लिए यह सीट छोड़ी है। पूर्व विधान पार्षद सह सीपीआइ नेता संजय यादव को टिकट भी मिल गया है। इस कारण उनका जनसंपर्क शुरु है। जबकि राजग में अभी तक हलचल चल रही है।
राजग में संभावित उम्मीदवारों में मनोज यादव की पत्नी सिंपल देवी, पूर्व विस उम्मीदवार कौशल सिंह एवं हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह का नाम प्रमुख दावेदारों में चल रहा है। टिकट की मुहर इन्हीं नामों के बीच लगने की चर्चा है। सियासत गलियारे में हवा है विजय के लिए बांका सांसद गिरिधारी यादव खुद लगे हुए हैं। जबकि कौशल जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा के भरोसे हैं।
पिछले चुनाव में इस सीट से जदयू-राजद गठबंधन से मनोज ने बाजी मारी थी। वे भाजपा-रालोसपा गठबंधन के रालोसपा उम्मीदवार दीपक वर्मा को हराया था। इस बार रालोसपा का विलय जदयू में होने पर कौशल इस सीट से अपनी किस्मत आजमा चाह रहे हैं। इधर, मनोज अपनी पत्नी सिंपल देवी के लिए प्रयास में हैं।
संभावित उम्मीदवारों में सीपीआई के संजय एवं जदयू नेता कौशल दोनों धोरैया व सिंपल बांका प्रखंड की रहनेवाली है। जबकि विजय पड़ोसी जिले मुंगेर के लश्करा गांव निवासी हैं। सभी इसको लेकर राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। इधर, बौंसी निवासी देवाशीष उर्फ निप्पू पांडेय का भी जनसंपर्क तेज किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के रिश्तेदार के कारण कई नेताओं के संपर्क में हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर सांसद गिरिधारी यादव ने बताया कि विजय को पार्टी की ओर से टिकट मिलने की पूरी संभावना है। इसके बाद भी जिसे पार्टी उम्मीदवार बनाती है उसे जिताने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
वहीं, बेलहर विधायक मनोज यादव ने कहा कि सिंपल चार बार से जिला पार्षद है। इसके लिए पार्टी में अपनी दावेदारी दे दिया गया है। पार्टी की ओर से इसके लिए आश्वासन भी दिया गया है।
बांका एवं भागलपुर में 6582 वोटरों की है संख्या
चुनाव में भागलपुर एवं पुलिस जिला नवगछिया व बांका जिले के पंचायत प्रतिनिधि एवं शहरी निकाय के प्रतिनिधि चुनाव में मतदान करेंगे। इसमें भागलपुर में 31 जिप सदस्य, 238 मुखिया, 308 पंचायत समिति सदस्य, 3046 वार्ड सदस्यों की संख्या है। नगर निगम में 50 वार्ड पार्षद हैं।
इसके अलावा सुल्तागंज नगर परिषद, नवगछिया एवं कहलगांव शामिल हैं। बांका जिले में 182 मुखिया, 25 जिला पार्षद, 246 पंसस, 2416 वार्ड पार्षद, नगर परिषद बांका में 26 एवं अमरपुर नगर पंचायत में 14 की संख्या है। नवगठित बौंसी एवं कटोरिया नगर पंचायत में चुनाव नहीं हुआ है। इस कारण कुछ वोटरों की संख्या बढ़ सकती है।
आयोग ने मांगी सूची
चुनाव को लेकर आयोग ने सभी नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची मांगी है। इसको लेकर कवायद तेज है। अधिसूचना जारी होते ही चुनाव को लेकर विभिन्न कोषांगों का गठन किया जाएगा।
Edited By Abhishek Kumar