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Air service from Bhagalpur: 3600 फीट रनवे की लंबाई, उड़ सकता है 36 सीटर विमान, फ‍िर विलंब क्‍यों?

भागलपुर से हवाई उड़ान का सपना नहीं हो सका है अपना। हिमालयपुत्र एविएशन लिमिटेड व स्काई फिशर ने दिखाई थी दिलचस्पी। विधानसभा में मंत्री ने कहा कि कोई भी विमानन कंपनी भागलपुर से हवाई उड़ान के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 11:24 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 11:24 PM (IST)
Air service from Bhagalpur: 3600 फीट रनवे की लंबाई, उड़ सकता है 36 सीटर विमान, फ‍िर विलंब क्‍यों?
भागलपुर का हवाई अड्डा, जहां से हवाई सेवा की शुरुआत तक नहीं हुई है।

भागलपुर [नवनीत मिश्र]। हवाई जहाज के उड़ान को लेकर नेताओं, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों ने दम तो भरा, लेकिन भागलपुर वासियों के सपनों को पंख नहीं लग पाया है। भागलपुर वासियों की उम्मीदों को राज्य सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। विधानसभा में विभागीय मंत्री ने साफ कह दिया कि कोई भी विमानन कंपनी भागलपुर से हवाई उड़ान के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जबकि हिमालयपुत्र एविएशन लिमिटेड ने भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने को लेकर पिछले साल दिलचस्पी दिखाई थी। कंपनी के तकनीकी अधिकारी का 18 सितंबर, 2020 को दौरा होने वाला था, लेकिन रनवे दुरुस्त नहीं रहने के कारण टीम नहीं आई। इसके पूर्व स्काई फिशर कंपनी ने भागलपुर से हवाई उड़ान को लेकर दिलचस्पी दिखाई थी। कंपनी ने विमान भी मंगा लिया था, लेकिन शुल्क अधिक रहने की वजह से हवाई सेवा शुरू नहीं किया जा सका। अब एक बार फिर हवाई सेवा शुरू कराने को लेकर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने पहल की है। उन्होंने गोराडीह में गोशाला की पांच सौ एकड़ जमीन होने की बात सरकार को बताई है। इस जमीन को ट्रांसफर कराकर हवाई अड्डा बनाने की सलाह विधानसभा में दी है। अब देखना है कि इस सलाह को सरकार कितना अमल में लाती है।

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उड़ान योजना से जोडऩे की उठी थी मांग 

पिछले वर्ष भागलपुर को उड़ान योजना से जोडऩे को लेकर कवायद शुरू की गई थी। उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत छोटे शहरों को रीजनल कनेक्टीविटी स्किम (आरसीएस) के तहत जोडऩे की योजना प्रधानमंत्री की है। इस योजना से भागलपुर को जोडऩे के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदेव सिंह पुरी को पत्र लिखा था। साथ ही चौबे केंद्रीय उड्डयन मंत्री से भी मिले थे। मंत्री ने देश में चार्टर एवं कामर्शियल सेवा प्रदान करने वाले हिमालयपुत्र एविएशन लिमिटेड से विमान सेवा शुरू करने का आग्रह किया था। मंत्री के आग्रह पर हिमालयपुत्र एविएशन लिमिटेड ने भागलपूर वासियों को विमान सेवा देने के लिए हामी भरी थी।

नहीं उड़ सका स्काई फिशर का विमान

भागलपुर से छोटे विमानों को उड़ाने का प्रयास कई बार हुआ। अमेरिकी कंपनी स्काई फिशर कंपनी भागलपुर से 12 सीटर विमान उड़ाने का निर्णय लिया था। 24 अप्रैल 2013 को स्काई फिशर विमान का ट्रायल हुआ था। 15 मई से विमान का नियमित उड़ान होना था। कंपनी के निदेशक ऋषिकेश मिश्रा व प्रबंधक विशाल विमान को भागलपुर-पटना-गया-वाराणसी के बीच उड़ाना चाहते थे। भागलपुर से उड़ान के लिए विमान को कई महीनों तक पटना के स्टेट हैंगर में रखा गया था। कंपनी के अधिकारी लैंडिंग चार्ज में कमी को लेकर जिला प्रशासन, राज्य सरकार, नागरिक विमानन निदेशालय का चक्कर लगाती रही, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कंपनी में 12 सीट वाला विमान अमेरिका से मंगवाया था, जिसका नाम कैसिना ग्रांट कारावान था। विमान का निर्माण कैसिनो एयर क्राफ्ट कंपनी ने किया था। विमान के ट्रायल के लिए कंपनी को 75 हजार रुपये जमा करना पड़ा था।

एयरपोर्ट आथरिटी आफ इंडिया की टीम आई थी भागलपुर

दो विमानन कंपनियों ने भागलपुर से हवाई जहाज उड़ाने की पेशकश की थी। 2007-08 में पूर्व नागरिक विमान मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के प्रयास से कोलकाता से एयरपोर्ट आथरिटी आफ इंडिया की टीम भागलपुर आई थी। टीम की देखरेख में हवाई अड्डे की नापी की गई थी। इस दौरान टीम ने माना था कि हवाई अड्डा अपेक्षा से कुछ छोटा है। भागलपुर से अधिकतम 40 सीटों वाला विमान उड़ सकता है। टीम ने चार हजार गुणा 150 वर्गफीट जमीन की आवश्यकता बताई थी। नापी में जमीन 3300 गुणा 150 वर्गफीट थी। हवाई अड्डे के दक्षिण और पूरब की ओर तीन मंजिला से ज्यादा भवन निर्माण नहीं करने की बात कही थी।

40 सीट वाला उड़ता था विमान

नागरिक विकास समिति से संरक्षक रमण कर्ण के अनुसार 1970 के आसपास कलिंगा का 40 सीटों वाला विमान कोलकाता से भागलपुर और मुजफ्फरपुर से रक्सौल के बीच उड़ान भरता था। कुछ वर्ष बाद विमान सेवा को बंद कर दिया गया।

तीन वर्ष पूर्व बना था नया लाउंज

विमान सेवा शुरू होने की संभावना को देखते हुए हवाई अड्डे में तीन वर्ष पूर्व भवन निर्माण निगम द्वारा नया लाउंज बनाया गया। लाउंज में एसी और फर्नीचर लगाने के लिए नागर विमानन निदेशालय ने राशि स्वीकृत की थी। सुरक्षा को लेकर चारदीवारी का निर्माण कराया गया था। सरकारी और निजी विमानों के लिए रन-वे को भी मजबूत किया गया था। इसमें डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च भी हुए थे, लेकिन अब स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो गई है।

लैंडिंग चार्ज 7075 रुपये 

प्रशासनिक स्तर पर नियमित उड़ान सेवा प्रारंभ करने की पहल भी हुई। जिला प्रशासन ने लैंडिंग चार्ज 75 हजार से घटाकर करीब सात हजार कर दिया। स्मार्ट सिटी ने टर्मिनल निर्माण को अपनी योजना में शामिल किया गया है।

निर्धारित दर 

  • -पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल पर खर्च-1000 रुपये
  • -एंबुलेंस पर खर्च - 75 रुपये
  • -दंडाधिकारी पर व्यय- 1000 रुपये
  • -अग्निशमन यूनिट पर खर्च-1000 रुपये
  • -नगर निगम की सफाई पर व्यय-4000 रुपये

डीएम की पहल पर हेल्थ एंबुलेंस

लैंडिंग चार्ज घटाने के बाद भागलपुर में कुछ महीनों तक कोलकाता के एक निजी अस्पताल से डाक्टरों की टीम एयर एंबुलेंस लेकर आती थी। हर सप्ताह एक छोटा विमान उतरता था। माहौल भी बना था। तत्कालीन डीएम ने आईएमए के साथ बैठक कर हवाई जहाज उतरवाने का अनुरोध किया था। अब यह भी आना बंद हो गया।

विमानसेवा नहीं रहने से हो रही परेशानी

भागलपुर वासियों विशेषकर रोगियों, सिल्क व्यापारियों, व्यवसायियों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं आदि को हवाई सुविधा नही रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यापार पर भी इसका असर पड़ रहा है।

वेलफेयर सोसाइटी ने दिखाया था आईना

भागलपुर से तत्काल हवाई सेवा बहाल करने की मांग को लेकर वेलफेयर सोसायटी, भागलपुर ने आवाज बुलंद किया था। सामाजिक कार्यकर्ता रामगोपाल पोद्दार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गोशाला के महामंत्री गिरधारी केजरीवाल ने बताया था कि त्रिचि तमिलनाडु, वाइजैक, मेघालय, कुल्लू, मनाली, शिमला में हवाई पट्टी 3300 वर्ग फीट की है और वहां हवाई सेवा शुरू है। भागलपुर में रनवे की लंबाई 3600 फीट है और यहां से हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाया है।


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