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खगडिय़ा: बारिश के बाद यूरिया की बढ़ी मांग, किसान काट रहे दुकानों के चक्कर

बारिश के बाद यूरिया की मांग बढ़ गई है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद फसलों में यूरिया का छिड़काव करने में किसान जुट गए हैं लेकिन किल्लत है। अब किसान खाद दुकान का चक्कर लगा रहे हैं। किसानों की मानें तो डीएपी की...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 02:48 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 02:48 PM (IST)
बारिश के बाद यूरिया की मांग बढ़ गई है।

संवाद सूत्र, परबत्ता (खगडिय़ा)। जिला कृषि पदाधिकारी का दावा है कि खाद की किल्लत नहीं है। यूरिया समेत अन्य खाद का स्टाक पर्याप्त है। दूसरी ओर किसानों को खाद के लिए खासकर यूरिया को ले दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। बीते दिनों हुई बारिश गेहूं और मक्का किसानों के लिए मेघ से अमृत बरसा है। इस बारिश के बाद फसलों में यूरिया का छिड़काव करने में किसान जुट गए हैं, लेकिन किल्लत है। अब किसान खाद दुकान का चक्कर लगा रहे हैं। परबत्ता के माकपा नेता सुनील चौधरी कहते हैं- अभी यूरिया की सबसे अधिक जरूरत है, लेकिन किसानों को यह सहज रूप से उपलब्ध नहीं है।

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रबी फसल की बुआई और ङ्क्षसचाई को लेकर खाद को ले किसानों को परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। अभी किसानों को केला की फसल में भी खाद की जरूरत है। लेकिन परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के जगह-जगह यूरिया को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। यूरिया नहीं मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार डीएपी की भी कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। पछात बुआई में डीएपी की जरूरत किसानों को है। भरतखंड, खजरैठा, मथुरापुर, सलारपुर, माधवपुर आदि जगहों पर यूरिया को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसानों का कहना है कि कई खाद दुकानदार ऊंची कीमत पर यूरिया बेच रहे हैं।

ऊंची कीमत नहीं देने पर किसानों को यह कहकर वापस कर दिया जाता है, कि, यूरिया नहीं है। अधिकांश दुकानों पर मूल्य तालिका अंकित नहीं है। परबत्ता के किसान नेता व पूर्व मुखिया नेपाली ङ्क्षसह और रामानुज प्रसाद रमन ने कहा कि डीएपी 1300 रुपये प्रति बैग मिल रहा है। मथुरापुर के बमभोली ङ्क्षसह ने भी बताया कि यूरिया की किल्लत है। जिप सदस्य जयप्रकाश यादव ने भी बताया कि यूरिया को लेकर किसानों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई होती है और बड़े दुकानदारों को क्लीन चीट मिल जाता है। इस संबंध में परबत्ता प्रखंड के प्रभारी कृषि पदाधिकारी बुद्धन महतो ने स्पष्ट कहा कि किसान ङ्क्षप्रट दर पर ही खाद खरीदें। खाद खरीदने पर रशीद लें। अगर कोई किसान पुख्ता प्रमाण के साथ शिकायत करेंगे, तो ऐसे दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी। यूरिया की कीमत 266 रुपये प्रति बैग है।


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