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केंद्र के ऐलान के बाद भागलपुर में भी 24x7 होगा पोस्टमार्टम, सिर्फ इन मौतों पर सूर्यास्त के बाद भी लागू रहेगी अंग्रेजी व्यवस्था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पोस्टमार्टम को लेकर कहा कि अब अंग्रेजों की व्यवस्था खत्म। मानें सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम कराया जा सकेगा। इसके लिए विशेष अनुमति लेने की जरूरत नहीं। लिहाजा भागलपुर में भी ये नियम लागू हो गया है। लेकिन...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 11:29 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 11:29 AM (IST)
केंद्र के ऐलान के बाद भागलपुर में भी 24x7 होगा पोस्टमार्टम, सिर्फ इन मौतों पर सूर्यास्त के बाद भी लागू रहेगी अंग्रेजी व्यवस्था
अब 24x7 होगा पोस्टमार्टम, नहीं उठानी पड़ेगी जहमत।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : अब अपनों को असमय खो देने वाले उन स्वजनों को घण्टों पोस्टमार्टम के लिए सिर्फ इसलिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा कि सूर्यास्त हो चुका है। जिन शवों की पोस्टमार्टम होना है और सूर्यास्त हो चुका है तो उन्हें दूसरे दिन का पोस्टमार्टम के लिए इंतजार नहीं करना होगा। ना ही विशेष परिस्थिति में जिलाधिकारी के आदेश की ही जरूरत पड़ेगी। अब 24 घण्टे पोस्टमार्टम हाउस के लिए सामान्य दिनों की तरह मेडिकल टीम उपलब्ध रहेगी।

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हालांकि, मंगलवार को सूर्यास्त बाद पोस्टमार्टम के लिए डाक्टर तो तैयार बैठे थे लेकिन कोई शव रात के लिए नहीं लाया गया था। शाम को जोगसर थानाक्षेत्र की सीमा को छूने वाली गंगा नदी से अज्ञात शव बरामद हुई था। जिसका पोस्टमार्टम शाम को कराया गया। डाक्टर संदीप कुमार लाल कहते हैं कि 24 घण्टे की पोस्टमार्टम वाली व्यवस्था पहले से लागू है पर सूर्यास्त बाद पोस्टमार्टम के लिए जिलाधिकारी के आदेश की जरूरत पड़ती थी। केंद्र सरकार का ताजा आदेश 24 घण्टे पोस्टमार्टम करने के लिए है। नई व्यवस्था में पोस्टमार्टम के लिए जिलाधिकारी के निर्देश की जरूरत नहीं रहेगी।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा  'अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म। 24 घंटे हो सकेगा पोस्टमार्टम के लिए ट्वीट कर ये जानकारी दी। पोस्टमार्टम प्रक्रिया में तमाम झंझावात से बड़ी राहत मिली है है। अभी तक यह नियम था कि रात के समय पोस्टमार्टम नहीं होता था लेकिन अब यह हो सकेगा।

इस तरह की मौतों पर नहीं होगा पीएम

हालांकि, इनमें हत्या, आत्महत्या, दुष्कर्म, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध हालात हुई मौत के मामले को शामिल नहीं किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'मृतक के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा, यह नई प्रक्रिया अंगदान और प्रतिरोपण को भी बढ़ावा देती है क्योंकि प्रक्रिया के बाद निर्धारित समय में अंगों को निकाला जा सकता है।'


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