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सृजन घोटाला : महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के प्रशासक ने सीबीआइ को सौंपी रिपोर्ट Bhagalpur News

सीबीआइ ने जिला सहकारिता विभाग के सहायक निबंधक से ऑडिट रिपोर्ट व पूर्व में सृजन के कराए गए ऑडिट का फीस और फीस निर्धारण को लेकर सर्कुलर की मांग की थी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 07:59 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 07:59 AM (IST)
सृजन घोटाला : महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के प्रशासक ने सीबीआइ को सौंपी रिपोर्ट Bhagalpur News
सृजन घोटाला : महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के प्रशासक ने सीबीआइ को सौंपी रिपोर्ट Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के प्रशासक ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली में सीबीआइ मुख्यालय सौंप दी है। प्रशासक शनिवार को रिपोर्ट के साथ दिल्ली गए थे। सीबीआइ ने जिला सहकारिता विभाग के सहायक निबंधक से ऑडिट रिपोर्ट व पूर्व में सृजन के कराए गए ऑडिट का फीस और फीस निर्धारण को लेकर सर्कुलर की मांग की थी। 

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प्रखंड मामले में सौंपी रिपोर्ट

सृजन घोटाला मामले में प्रखंडों से मिली रिपोर्ट भी जांच के बाद डीआरडीए प्रशासन को सौंप दी गई है। जांच डीडीसी द्वारा गठित कमेटी ने की। इसके एक सदस्य के बाहर चले जाने के कारण रिपोर्ट सौंपने में देरी हो रही थी। अब डीआरडीए प्रशासन यह रिपोर्ट सीबीआइ को सौंपेगा। डीआरडीए के 89 करोड़ के मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। लेकिन डीआरडए प्रशासन का कहना था कि सृजन के खाते में उनका 89 करोड़ नहीं गया है। प्रखंडों को जारी राशि भी सृजन के खाते में गई है। 

प्रखंड बैंकों से सृजन के खाते में गई राशि

निकासी राशि में जमा राशि 

सन्हौला 1.40 करोड़  शून्य 

कहलगांव 2.25 करोड़ 2.25 करोड़ रुपये 

पीरपैंती 32.50 लाख 3.25 करोड़ रुपये 

नवगछिया 40 लाख रुपये 22 लाख रुपये 

सबौर शून्य 37 लाख रुपये 

वकील के आने के बाद होगा मनी सूट

जिला परिषद वकील के वापस आने बाद मनी सूट दायर करेगा। सरकारी वकील के निजी कार्य से बाहर चले जाने के कारण विभाग की ओर से मनी सूट दायर नहीं किया जा सका है। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार तक वकील वापस आ जाएंगे और इसके बाद मनी सूट की प्रक्रिया शुरू होगी। वकील ने मनी सूट को लेकर कई कागजातों की मांग की थी। सारे कागजात उन्हें उपलब्ध करा दिया गया। इसके बाद वे निजी कार्य से वापस चले गए हैं। 

नहीं हुई कार्रवाई 

2007 से 17 के बीच जिला परिषद की ऑडिट करने वाले सीए पर तो प्रशासन ने कार्रवाई कर दी, लेकिन डीआरडीए की ऑडिट करने वाले सीए पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। जिला परिषद मामले में सीए को काली सूची में डाल दिया गया है। लेकिन एक अधिकारी से मिलने के बाद डीआरडीए की ऑडिट करने वाले सीए को दोषमुक्त कर दिया गया है।


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