Sushant Singh Rajput Death News: मौत पर कलप उठा बागमती का किनारा, फफक पड़े सुशांत के चचेरे भाई
Sushant Singh Rajput Death News फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या कर लेने की सूचना मिलने के साथ ही खगड़िया और पूर्णिया में शोक की लहर फैल गई।
भागलपुर, जेएनएन। Sushant Singh Rajput Death News: जून का दूसरा रविवार खगड़िया बौरने स्थान के लिए मातम बनकर आया। बागमती नदी के किनारे बसे इस गांव में रविवार को हवा उदास थी। हमेशा कल-कल बहने वाली बागमती भी मानो शांत पड़ी हुई थी। मशहूर सिने अभिनेता व बौरने स्थान के नाती सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर पर बागमती का यह किनारा कलप उठा।
पिछले वर्ष 13 मई को सुशांत अपने स्वजनों के साथ नाव से बागमती नदी पार कर ननिहाल बौरने स्थान पहुंचे थे। उस दिन बागमती हर्षित-उल्लसित थी। सुशांत के नाना महेश्वर प्रसाद सिंह और नानी उमा देवी को गुजरे वर्षों हो चुके हैं। पांच मामा बीरेंद्र प्रसाद सिंह, हरेंद्र प्रसाद सिंह, शिवेंद्र प्रसाद सिंह, राघवेंद्र प्रसाद सिंह और भूपेंद्र सिंह सहरसा में रहते हैं। बचपन में सुशांत ननिहाल आते रहे। पिछले साल जब 13 मई को बौरने भगवती स्थान वे मुंडन को पहुंचे तो भीड़ उमड़ पड़ी थी। जयप्रभानगर घाट से लेकर बौरने स्थान तक अपने स्टार नाती, स्टार भांजे की एक झलक पाने को लोग बेताब थे। बौरने स्थान के बिजेंद्र सिंह रिश्ते में सुशांत के मामा हैं। बताते हैं कि पिछले साल आते ही सुशांत ने उनकी खोज की थी। जरा भी घमंड नहीं था। आखिर क्यों आत्महत्या की, भगवान जाने! उनका इतना हंसमुख और सरल व्यवहार था कि पता ही नहीं चला कि इतने बड़े स्टार हैं। अविनाश कुमार सिंह कहते हैं-पूरा गांव गम में है। हे भगवती, यह क्या किया!
सुशांत-सुशांत की रट लगाते बेहोश हो रही थीं चाची
पूर्णिया के बीकोठी प्रखंड स्थित मलडीहा गांव में रविवार को सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर मिलते ही मातम पसर गया। उनकी चाची रामदुलारी देवी बार-बार बेहोश हो रही थीं। होश आते ही सुशांत सुशांत की रट लगा रही थीं। चचेरे भाई पन्ना सिंह, बब्बन सिंह सहित हर किसी पर जैसे वज्रपात हो गया है। गांव में बस अब उनकी यादें शेष रह गई हैं। सुशांत यहीं के खेत-खलिहानों में खेलकूद कर बड़े हुए थे। निधन की खबर मिलते ही उनके चाचा रामकिशोर सिंह के घर पर लोग जुटने लगे। गांव के लोगों की आंखें छलक रही थीं, महिलाएं गमगीन बैठी थीं। सुशांत पिछले साल ही मई में पिता केके सिंह व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ यहां आए थे। करीब 17 साल बाद गांव आए सुशांत यहां चार दिनों तक रुके थे। जब गांव आए तो प्रशंसकों की भीड़ लग गई थी। लेकिन उनके लिए वे कोई स्टार नहीं, बल्कि इस गांव के बेटे थे।
नवंबर में होने वाली थी सुशांत की शादी
सुशांत सिंह राजपूत की शादी नवंबर में होने वाली थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मलडीहा में उनके चचेरे भाई पन्ना सिंह और चाची पद्मा देवी कहती हैं कि सुशांत मजबूत इच्छाशक्ति वाला युवक था। जरूर इस घटना के पीछे कोई साजिश है।
मुखिया कृष्ण कुमार उर्फ रिंकू यादव ने स्वजनों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन उनका रोना जारी रहा। पद्मा देवी ने बताया कि सुशांत उनसे अगले साल आने का वादा कर गया था। कहा था कि हवाई जहाज से चारों धाम की यात्रा करवाऊंगा। वह फफककर रोते हुए कहती हैं, अब कौन चारों धाम की यात्रा पर ले जाएगा। पन्ना ङ्क्षसह ने बताया कि रविवार सुबह जब घटना की सूचना पहुंची तो सभी स्तब्ध रह गए। दो-तीन दिन पहले ही फोन से सुशांत के पिता से बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि नवंबर में सुशांत की शादी करनी है। सबको मुंबई चलना होगा।
मौत की खबर पर फफक पड़े सुशांत के चचेरे भाई
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना पर उनके चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू फफक पड़े। छातापुर के विधायक नीरज घटना के समय अपने विधानसभा क्षेत्र छातापुर के दौरे पर थे। किसी ने फोन पर उन्हें घटना की सूचना दी। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार इस घटना से हतप्रभ है। इस पीढ़ी के पांच भाइयों में सुशांत सबसे छोटा था। शुरू से ही वह जीनियस था। स्वभाव से हंसमुख और मृदुल, पूरे परिवार ही नहीं बल्कि पूरे राज्य को उसने गौरव प्रदान किया था। एक से बढ़कर एक प्लानिंग उसने परिवार और अपने इलाके के लिए कर रखी थी। नीरज कहते हैं कि पता नहीं क्यों उसने यह कदम उठा लिया। नीरज ने बताया कि हाल ही में सुशांत अपने गांव आए हुए थे। अपनी नानी के गांव खगडिय़ा भी गए थे। बचपन की मनौती थी उसके मुंडन की, बॉलीवुड में रहते हुए उस रस्म को भी उसने बड़े ही श्रद्धा के साथ पूरा किया था। अभी उसकी खुदकशी के बारे में अधिक कुछ कहा नहीं जा सकता है।