फर्जी कागजात पर जमानत कराने का आरोपित गिरफ्तार
आपराधिक मामलों में असल अभियुक्त की जगह फर्जी अभियुक्त और गवाह बनकर आरोपितों का जमानत कराने वाले गिरोह में शामिल उर्दू बाजार के राजकुमार यादव को तिलकामांझी पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया है।
भागलपुर। आपराधिक मामलों में असल अभियुक्त की जगह फर्जी अभियुक्त और गवाह बनकर आरोपितों का जमानत कराने वाले गिरोह में शामिल उर्दू बाजार के राजकुमार यादव को तिलकामांझी पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 13 सितंबर 2019 को इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सबौर के हरिजन टोला निवासी पप्पू दास को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसने कुबूल किया था कि वह दर्जनों मामलों में फर्जी कागजात के सहारे जमानतदार बनता था। इकबाल अहमद के नाम से लंबित पड़ा था कुर्की आवेदन
इस मामले में इशाकचक इंस्पेक्टर संजय कुमार सुधांशू ने अपने बयान पर मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें पप्पू दास और अधिवक्ता विजय कुमार सिंह पर नामजद व कई अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था।
बता दें कि इशाकचक थाने में एक कुर्की वारंट बरहपुरा निवासी मु. इकबाल अहमद के नाम से लंबित पड़ा हुआ था। तत्कालीन इंस्पेक्टर राम एकबाल यादव ने नाम पता का सत्यापन किया तो वह फर्जी पाया गया। मामले की जानकारी होने पर एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एएसपी विनीत कुमार ने जांच शुरू की थी। जमानत के लिए दिया गया था फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस
मु. इकबाल अहमद द्वारा जमानत के लिए दिए गए ड्राइविंग लाइसेंस की जांच परिवहन विभाग से कराई गई। पता चला कि वह लाइसेंस बरारी के जाने आलम वारसी के नाम से रजिस्टर्ड है। जाने आलम वारसी की खोजबीन कर संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उनका लाइसेंस चार साल पूर्व खो गया था, लेकिन उन्होंने इसकी इंट्री कहीं नहीं कराई थी। पुलिस ने जब ड्राइविंग लाइसेंस को दिखाते हुए पूछा तो उन्होंने उस पर लगी फोटो को पहचान लिया। तत्काल उन्होंने पुलिस को बताया कि लाइसेंस पर लगी फोटो पप्पू दास की है। वह सईद मकबूल वकील साहब के यहां मुंशी का काम करता है। गवाह बना था राजकुमार यादव
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर जमानत के दौरान राजकुमार यादव गवाह बना था। उसके अलावा गोराडीह, डहरपुर निवासी प्रकाश हरिजन भी गवाहों में शामिल था।