खाद की कालाबाजारी करने वालों पर होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई।
भागलपुर। जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई। इस दौरान डीएम ने उर्वरक की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उर्वरक की कालाबाजारी रोकने को बनाई गई टीम के सदस्यों को छापेमारी करने का निर्देश दिया।
उन्होंने उर्वरक की गुणवत्ता की जांच के लिए अधिक से अधिक नमूना संग्रह करने को कहा। साथ ही सभी प्रखंडों में उर्वरक निगरानी समिति की बैठक करने का निर्देश दिया। इससे पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी केके झा ने डीएम को बताया कि खरीफ मौसम 2020-21 में आवश्यकता के विरुद्ध प्राप्त उर्वरकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यूरिया का लक्ष्य 28000 मीट्रिक टन है, जबकि आपूर्ति 9350.74 मीट्रिक टन की गई है। वहीं, डीएपी का लक्ष्य 10 हजार मीट्रिक है, आपूर्ति 575 मीट्रिक टन हुई है। एनपीके का लक्ष्य 3800 मीट्रिक टन की जगह 300 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई है। उर्वरकों की अभी नहीं है कमी
उन्होंने कहा कि अभी यूरिया एवं अन्य उर्वरक की कमी नहीं है। कमी होने पर कृषि निदेशक से उर्वरक की मांग की जाएगी। नाथनगर के विधायक लक्ष्मीकांत मंडल द्वारा बताया गया कि जिले में उर्वरक की कमी की शिकायत अभी नहीं मिली है। सांसद अजय कुमार मंडल ने बताया कि यूरिया का उपयोग लोगों द्वारा ईट भट्ठे में आदि में करते हैं। उन्होंने इसके लिए विशेष निगरानी रखने की बात कही, ताकि उर्वरक की कालाबाजारी न हो। डीएओ ने कहा कि रबी मौसम के दौरान 83 उर्वरक प्रतिष्ठानों में छापेमारी की गई, जिनमें तीन प्रतिष्ठानों के लाइसेंस रद किए गए। 17 उर्वरक प्रतिष्ठानों के संचालकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है।