इस जिले में एससी-एसटी समुदाय के सभी लोगों के पास घर!
बिहार के मधेपुरा जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार एससी-एसटी समुदाय के सभी लोगों के पास अपना घर है। यहां पिछले दो वित्तीय वर्षों में हजारों आवास वापस कर दिए गए।
मधेपुरा [धर्मेंद्र भारद्वाज]। मधेपुरा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार एससी-एसटी समुदाय के लोग बेघर नहीं हैं। इनके लिए प्राप्त 12,256 आवासों को प्रशासन ने यह कहकर वापस कर दिया है कि सूची के अनुसार सभी को आवास मिल गया है।
यद्यपि इस मामले में प्रशासन का यह भी कहना है कि कुछ लोगों को आवास की जरूरत है लेकिन, जमीन के अभाव में आवास की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। कुछ लोग बाहर रहते हैं और कभी-कभार ही गांव पहुंचते हैं। ऐसे लोगों को भी आवास देने का प्रावधान नहीं है। इस कारण प्रधानमंत्री आवास योजना से एससी-एसटी कोटि के लिए प्राप्त आवास वापस कर दिए गए।
28 हजार से अधिक आवासों का दिया गया था लक्ष्य
वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जिले को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 28,583 आवासों का लक्ष्य दिया गया था। इनमें 12,256 आवास एससी-एसटी कोटि के लोगों के लिए थे।
सूचना के अधिकार से सामने आया मामला
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि सरकार से मिले प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को जिला प्रशासन ने वापस कर दिया है। जनप्रतिनिधियों की मानें तो काफी संख्या में एससी-एसटी समुदाय के लोगों के पास आवास नहीं हैं। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा आवास वापस करना गलत है।
दो वित्तीय वर्षों 2016-17 एवं 2017-18 में मिले प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत मिले लक्ष्य में एससी-एसटी के 12,256 आवास वापस कर दिए गए। सूची के अनुसार इस कोटि के लाभार्थी नहीं हैं। कुछ लोगों के पास जमीन नहीं है तो कुछ बाहर रहते हैं। आवास सहायक को बचे लाभार्थियों की सूची तैयार करने को कहा गया है, ताकि उसे भेजा जा सके। इसके बाद आवास पुन: स्वीकृत किए जाएंगे।
- मुकेश कुमार
उपविकास आयुक्त, मधेपुरा
जिले में काफी संख्या में एससी-एसटी समुदाय के लोग बेघर हैं। प्रशासन ने किस आधार पर आवास वापस किए हैं, यह देखना होगा। मैं अपने स्तर से मामले की पड़ताल करूंगा।
- प्रो. चंद्रशेखर
विधायक, मधेपुरा