बटेर का पालन कर अब्दुल बने करोड़पति, जानिए पूरी कहानी
अब्दुल ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र कारण आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। व्यवसायिक हैचरी में प्रति अंडा चार रुपये की दर से बिक जाता है। छोटा चूजा 15 और बड़ा 35 रुपये में बेचते हैं।
भागलपुर [ललन तिवारी]। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। काम के प्रति सच्ची लगन और मेहनत हो तो सफलता जरूर मिलेगी। कुछ ऐसा ही कर दिखाया अब्दुल ने। कृषि विज्ञान केंद्र से मिले मार्गदर्शन ने अब्दुल की किस्मत ही बदल दी। बटेर का पालन और व्यवसाय कर आज वह बड़े व्यापारी बन गए हैं। इनका 1.10 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के किसान मेला में शनिवार को कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने उन्हें सम्मानित भी किया।
मुजफ्फरपुर के मरबन गांव के अब्दुल बारी ने विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण लिया था। जहां कृषि विशेषज्ञ डॉ. जेड होदा ने बटेर पालन करने की नसीहत दी। इसके बाद अब्दुल ने 15 से 20 बटेर से अपना व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे दूसरे राज्य से बटेर खरीदकर व्यवसाय को बड़ा आकार दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र की नसीहत आई काम
बटेर व्यवसायी अब्दुल ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के सलाह के कारण आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। घर के बगल में व्यवसायिक हैचरी में प्रति अंडा चार रुपये की दर से बिक जाता है। छोटा चूजा 15 रुपये और बड़ा 35 रुपये में बेचते हैं। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अब्दुल ने बिहार का नाम रोशन किया है। इससे दूसरे किसान भी प्रेरणा लेंगे।