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एक गांव जहां नहीं होती थी बेटों की शादी, जानिए यहां पानी का शहनाई कनेक्‍शन

बिहार के खैरा गांव में दूसरे क्षेत्रों के लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करते थे। कारण थी फ्लोरोसिस बीमारी। लेकिन पानी बदला तो यहां के लोगाें की तकदीर भी बदल गई।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 11:06 PM (IST)
एक गांव जहां नहीं होती थी बेटों की शादी, जानिए यहां पानी का शहनाई कनेक्‍शन
एक गांव जहां नहीं होती थी बेटों की शादी, जानिए यहां पानी का शहनाई कनेक्‍शन

मुंगेर [राम प्रवेश सिंह]। मुंगेर के हवेली खडग़पुर प्रखंड का खैरा गांव कभी दिव्यागों का गांव था। यहां के अधिकांश लोग 'फ्लोरोसिस' बीमारी से पीडि़त थे। पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा के कारण होने वाली इस बीमारी के कारण गांव के लोग दिव्यांग हो रहे थे। हालत यह थी कि गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी करने से परहेज करते थे। समय बदला तो इस समस्‍या पर सरकार की भी नजर गई। राज्य सरकार ने खड़गपुर झील से गांव तक पानी पहुंचाने का काम प्रारंभ किया। शुद्ध पेयजल मिलते ही गांव की तस्वीर बदल गई। विकलांगता को बीते दिनों की बात हुई ही, अब गांव में शहनाई की धुन भी सुनाई देने लगी है।

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फ्लोराइड से अधिकांश लोग हो गए थे बीमार

हवेली खडग़पुर प्रखंड के रमनकाबाद पूर्वी पंचायत के खैरा गांव की आबादी लगभग छह हजार है। यह गांव कभी 'फ्लोरोसिस' बीमारी के कारण या 'कुंवारों की टोली' वाले गांव के नाम से जाना जाता था। पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक थी, जिसके कारण अधिकांश लोग विकलांग हो गए थे। इस बीमारी के कारण लोग जवानी में ही बूढ़े दिखने लगते थे। कई लोगों की असमय मौत भी हो जाती थी। इस कारण खैरा गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी करने तक से परहेज करने लगे थे। लेकिन गांव तक शुद्ध पेयजल पहुंचा तो तस्वीर ही बदल गई।

मुख्यमंत्री ने लिया ऑन स्‍पॉट जायजा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जून 2011 में विकास यात्रा के क्रम में मुंगेर पहुंचे थे। खैरा गांव की समस्या की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री वहां गए। उन्होंने गांव के गली-गली में जाकर लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना एवं फ्लोरोसिस बीमारी को समूल जड़ से नष्ट करने का आश्वासन दिया।

ड्रीम प्रोजेक्‍ट ने बदली गांव की तस्‍वीर

मुख्यमंत्री ने खैरा गांव तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया। इसके तहत 30 मई 2017 से हवेली खडग़पुर झील से खैरा गांव तक शुद्ध पानी पहुंचने लगा। शुद्ध पानी ने खैरा गांव की तस्वीर ही बदल दी। शुद्ध जल के सेवन से गांव के लोग अब फ्लोरोसिस बीमारी से मुक्ति पा चुके हैं। गांव के प्रति बाहर के लोगों की सोच भी बदली। अब खैरा 'कुंवारों की टोली' वाला गांव भी नहीं रहा। अब गांव में प्रत्येक वर्ष एक दर्जन से अधिक लड़कों की शादी होने लगी है।

अब पलायन रुका, होने लगी शादियां भी

गांव के अर्जुन मंडल उर्फ मैनेजर कहते हैं कि खडग़पुर झील से पानी गांव आने के काफी फायदा हुआ है। झील के पानी के सेवन से फ्लोरोसिस के रोगियों में सुधार आ रहा है। यहां दूसरे क्षेत्र के लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करते थे, लेकिन अब ऐसी बात नहीं रही। गांव के ही वशिष्ठ नारायण सिंह बताते हैं कि पहले फ्लोराइड युक्त पानी के भय से लोग दूसरी जगहों पर पलायन करने लगे थे। सगे-संबंधी पानी लेकर आते थे। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब इस गांव से शुद्ध पानी दूसरे गांव के लोग लेकर जाते हैं।


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