पिछले 10 दिनों में 75 हजार मजदूर गए परदेस
मजदूरों की हालत इतनी बदतर है कि उन्हें इस अवसर पर कमाने के लिए परदेस जाना होता है।
सहरसा(जेएनएन)। दशहरे के अवसर पर लोग घर लौटते हैं, लेकिन कोसी में मजदूरों की हालत इतनी बदतर है कि उन्हें इस अवसर पर कमाने के लिए परदेस जाना होता है। वर्षो से यहां के मजदूरों की यही नियति बनी हुई है। पंजाब में धनकटनी के लिए बड़ी संख्या में कोसी-सीमांचल से मजदूर वहां पलायन कर रहे हैं। सहरसा से अमृतसर के बीच चल रही एकमात्र जनसेवा एक्सप्रेस में 1500 किलोमीटर की दूरी मजदूर भेंड़-बकरियों की तरह लदकर तय करने को मजदूर हैं। पिछले एक पखवाड़े से मजदूरों की बढ़ती भीड़ के सामने जनसेवा एक्सप्रेस छोटी पड़ने लगी है। यहां से रोज सात से आठ हजार आदमी पलायन कर रहे हैं।
:- सैकड़ों की छूट जाती है ट्रेन : मजदूरों का जत्था विभिन्न इलाकों से शाम होते-होते सहरसा स्टेशन पर पहुंच जाता है। इसके बाद टिकट लेने के लिए घंटों लाइन लगानी होती है। भीड़ के कारण रोज सैकड़ों मजदूरों की ट्रेन छूट जाती है। ट्रेनों की स्थिति यह है कि अधिकांश यात्रियों को खड़े रहकर सफर तय करना होता है। सीटों पर क्षमता से दोगुने यात्री बैठे रहते हैं। सामान रखने की जगह व बाथरूम के पास भी लोग सफर करते हैं।
:- बाहर नहीं जाएंगे तो खाएंगे क्या : मजदूरी के लिए बाहर जा रहे कई मजदूरों ने बताया कि यदि वे बाहर नहीं जाएंगे, तो उनके परिवार के सदस्य क्या खाएंगे। यहां कोई काम नहीं मिलता है। बनमनखी के उपेंद्र सादा, त्रिवेणीगंज के मुसो सादा, मुरलीगंज के राजो मेहता, महिषी के दिनकर मुखिया आदि ने बताया पंजाब के खेतों में आसानी से काम मिल जाता है। एक माह में वे लोग खा-पीकर 10 हजार रुपये बचा लेते हैं। अब ये लोग छठ में ही घर लौट पाएंगे। मजदूर बताते हैं कि मनरेगा में अब काम नहीं मिलता है। इलाके में कोई फैक्ट्री भी नहीं है।
:- नहीं चल रही है विशेष ट्रेन : मजदूरों की बढ़ती भीड़ को लेकर पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल ने 6-7 अक्टूबर को सहरसा से अंबाला के बीच जनसाधारण स्पेशल ट्रेन चलाई थी। इसके बाद यह बंद है। अगर समय रहते यहां स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई गई तो परेशानी और बढ़ेगी। मजदूरों ने बताया कि वे गांव से कर्ज लेकर बाहर जाते हैं और लौटने पर साहूकारों को सूद समेत कर्ज की राशि लौटाते हैं।
:- रेलवे का बढ़ता है राजस्व : सहरसा स्टेशन का पूर्व मध्य रेल, समस्तीपुर मंडल में राजस्व के मामले में दूसरा स्थान है। सहरसा से अमृतसर के बीच जनसेवा के कारण ही इसका राजस्व बढ़ जाता है। इन दिनों सहरसा से अमृतसर सहित अन्य जगहों पर जाने के लिए रोज सात से आठ हजार यात्री टिकट कटाते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक ट्रेन के परिचालन से रेलवे को प्रतिदिन लाखों का राजस्व प्राप्त होता है।
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जरूरत पड़ने पर चलेगी स्पेशल
सहरसा में मजदूर यात्रियों के बढ़ने की सूचना मिल रही है। रेलवे बोर्ड से सहरसा से स्पेशल ट्रेन चलाने की स्वीकृति मांगी गई है। स्वीकृति मिलते ही जरूरत पड़ने पर स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा।
- आरके जैन
मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल