प्रतिदिन भागलपुर पहुंचे रहे 50 हजार पहुंचते हैं रेल यात्री, गिने चुने लोग करवा रहे कोरोना जांच, बढ़ेगा संक्रमण, संभलिए
भागलपुर रेलवे जंक्शन पर गिने चुने यात्रियों की हो रही कोरोना जांच। प्रतिदिन 50 हजार पहुंचते हैं यात्री 20 दिनों में दो हजार यात्रियों की भी नहीं हुई जांच। इंजन चालक सहित एक दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर स्टेशन पर प्रतिदिन 50 हजार यात्री उतरते हैं, लेकिन इस हिसाब से देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रेनों से उतरने वाले और यहां से दूसरी जगह जाने वाले यात्रियों की कोरोना जांच नहीं हो रही है। स्वस्थ्य विभाग की ओर से भागलपुर स्टेशन पर लगाए गए कैंप में गिने चुने लोग ही कोरोना जांच कराने के लिए आते हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को सुबह से दोपहर तीन बजे तक महज 31 लोगों ने जांच कराई थी।
हालांकि इनमें एक की रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई थी। पिछले 20 दिनों में आठ-दस लाख लोग दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों और यहां से उतरे और यहां से दूसरे प्रांतों में गए होंगे, लेकिन यात्रियों की संख्या के अनुपात में कोरोना की काफी कम लोगों की जांच हो रही है। दो हजार लोगों की भी जांच नहीं हुई है। यह लापरवाही भारी पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में भागलपुर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोम की चेन बन सकती है। इधर, स्वास्थ्य विभाग की शिविर लगाने के साथ ही भागलपुर जंक्शन पर शरीर का तापमान मापने के लिए थर्मल स्कैनर लगाया गया है। स्कैनर प्लेटफार्म इंट्री गेट के पास लगाया गया है।
प्लेटफार्म के एग्जिट गेट के पास थर्मल स्कैनर नहीं होने की वजह से वैसे लोगों की जांच नहीं हो पा रही है जो इस गेट से प्लेटफार्म से बाहर जाते हैं। हालांकि इंट्री गेट से प्लेटफार्म नंबर एक पर जाने से पहले थर्मल स्कैनर में शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होने पर वैसे यात्रियों को टीसी और आरपीएफ जवान रोककर स्वास्थ्य शिविर कोरोना जांच कराने के लिए भेज देते हैं। वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि वैसे लोग ही जांच कराने आते हैं जिन्हें कुछ परेशानी महसूस होता है। जिन्हें सर्दी, खांसी और बुखार होता है वही जांच कराते हैं।
रेलवे की ओर से जांच कराने के लिए दवाब नहीं डाला जाता है। यही वजह है कि काफी कम संख्या में लोग जांच कराने आते हैं। 30 दिसंबर से अबतक दो हजार लोगों ने भी जांच नहीं कराई है। 90 प्रतिशत से अधिक लोग बिना जांच कराए ही चले जा रहे हैं। इंजन चालक सहित एक दर्जन से अधिक रेलकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लोग बाहर जाने से बच रहे हैं। यात्रियों में 25 प्रतिशत कमी आई है। शीतलहर और कनकनी ठंड के कारण पिछले पांच दिनों में यात्रियों में और भी कमी देखी जा रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों की बात तो दूर अधिकांश पैसेंजर ट्रेनों की सीटें खाली रह जा रही हैं। प्लेटफार्मों पर इक्के-दुक्के लोग ही नजर आते हैं। दूसरी ओर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जबरन जांच नहीं कराई जा सकती है। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरुरत है।
पहचान छुपाने के लिए घर का पता गलत लिखवा रहे लोग
भागलपुर स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना जांच के लिए शिविर लगाया गया है। 24 घंटे काम करनेवाले इस शिविर में तीन पालियों के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। शिविर में यात्रियों सहित शहर के कई जगहों के लोग भी जांच कराने आते हैं। लेकिन कई लोग अपनी पहचान छुपाने के लिए गलत पता लिखाते हैं। हालांकि मोबाइल नंबर सही लिखाया जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार भागलपुर के किसी मोहल्ले में रहने के बावजूद पाजिटिव आने वाले लोग गलत पता लिखवाते हैं। भागलपुर शहर में रहकर पूर्णिया, खगडिय़ा, बांका तो जमालपुर का पता लिखाया जाता है। संक्रमित पांच-छह लोगों से जब गलत पता लिखाने पर पूछने पर चौंकाने वाला जबाव मिला कि जांच कराने के लिए वे खगडिय़ा, महेशखूंट, कटिहार से आने की बात कही। ऐसे लोगों से कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है।
शरीर का तापमान मापने के लिए भागलपुर, जमालपुर सहित मालदा मंडल के सभी जंक्शन पर प्लेटफार्म इंट्री गेट के पास थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं। सामान्य से अधिक तापमान होने पर वैसे यात्रियों को रोक दिया जाता है। लोगों को खुद भी जागरूक होने की जरूरत है। -पवन कुमार, सीनियर डीसीएम सह सीपीआरओ मालदा मंडल।