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बिहार में पड़ रही झुलसा देने वाली गर्मी, रेड जोन में भागलपुर, हीटवेव से निपटने की कैसी है अस्पतालों की तैयारी

हीटवेव के मामले में भागलपुर रेड जोन में है। दिन में झुलसा देने वाली धूप से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। दिन का तापमान करीब 42 डिग्री के आसपास पहुंचते ही अस्पतालों में हीट स्ट्रोक की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं। हीटवेव को लेकर सामुदायिक अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल को एलर्ट मोड में रखा गया है।

By Navaneet Mishra Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 01 May 2024 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2024 03:28 PM (IST)
बिहार में पड़ रही झुलसा देने वाली गर्मी, रेड जोन में भागलपुर। (सांकेतिक फोटो)

जागरण टीम, भागलपुर। हीटवेव के मामले में भागलपुर रेड जोन में है। हीटवेव को लेकर सामुदायिक अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल को एलर्ट मोड में रखा गया है। जरूरी दवाओं के साथ-साथ दो से चार बेड को लू लगने वालों के लिए सुरक्षित रखा गया है।

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कहलगांव अनुमंडल अस्पताल की बात करें तो हीट वेव पीड़ितों के उपचार की सारी व्यवस्था उपलब्ध है। इसके लिए इमरजेंसी वार्ड में ही अलग से वार्ड चार बेड तैयार किया गया है। वार्ड वातानुकूलित है।

अनुमंडल अस्पताल की क्या है तैयारी?

अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. आनंद मोहन ने बताया कि दो एसी पहले से ही लगा है। सभी बेड पर मच्छरदानी है। ओआरएस एवं सभी तरह की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों को हीट वेव पीड़ितों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।

अभी तक चार पीड़ितों का उपचार हो चुका है। हीट वेव पीड़ित श्यामपुर गांव के त्रिभुवन राय का उपचार चल रहा है। ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है। पीरपैंती नगर पंचायत के शेरमारी बाजार स्थित रेफरल अस्पताल में वातानुकूलित कमरे में छह बेड तैयार है।

हीट वेव से पीड़ित मरीज के इलाज के लिए 24 घंटे डॉक्टर एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था है। मरीजों को घर से अस्पताल लाने के लिए 102 नंबर डायल वाला एसी लगा हुआ एंबुलेंस है। एंबुलेंस में स्वास्थ्य कर्मी व आक्सीजन की भी व्यवस्था है।

अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुकेश कुमार ने बताया कि जरूरत पड़ने पर बेडों की संख्या बढ़ाई जा सकती हैं। वार्ड में आक्सीजन की व्यवस्था की गई है।

अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तीन पाली में लगे डॉक्टर एवं पैरा मेडिकल कर्मी को तैनात किया गया है। सभी प्रकार की दवा, स्लाइन एवं ओआरएस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। ओपीडी में प्रतिदिन हल्के लक्षण वाले मरीज इलाज के लिए आते हैं और दवा लेकर ठीक हो रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सन्हौला में तीन बेड का वतानुकूलित कक्ष तैयार किया गया है, जिसमें आक्सीजन सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। तीन बेड के अलावा दो बेड रिज़र्व रखा गया है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान हीट वेव से पीड़ित तीन पुलिस कर्मी भर्ती हुए थे। नारायणपुर पीएचसी में वातानुकूलित तीन बेड का लू राहत कक्ष बनाया गया है। प्रत्येक दिन लू राहत कक्ष में दो डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।

इसके लिए नया रोस्टर भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बना दिया है। डॉक्टर के साथ एएनएम, जीएनएम और स्वास्थ्य कर्मी आवश्यक दवाई के साथ मौजूद हैं।

रेफरल अस्पताल सुल्तानगंज में आठ बेड का वातानुकूलित हीटवेव वार्ड बनाया गया है। अस्पताल प्रभारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि अस्पताल में आक्सीजन की व्यवस्था की गई है।

डॉक्टर का आकस्मिक रोस्टर बना दिया गया है। तीनों पालियों में चिकित्सकों एवं पैरा कर्मी तैनात है। सभी प्रकार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का क्या है हाल?

गोपालपुर, इस्माइलपुर, नवगछिया अनुमंडल अस्पताल एवं रंगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हीट वेव को लेकर कोल्ड रूम बनाया गया है।

गोपालपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधांशु कुमार ने बताया कि अस्पतालों में सभी तरह की दवा उपलब्ध है। गोराडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हीट वेव से पीड़ित मरीज के इलाज के लिए 24 घंटे डॉक्टर की व्यवस्था है।

मरीजों के लिए एसी लगा हुआ एक कमरा है, जिसमें दो बेड है। जरूरत पड़ने पर एक बेड बढ़ाया जा सकता है। सभी तरह की दवाई और स्लाइन उपलब्ध है।

मरीजों को घर पर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिए 102 नंबर डायल वाला एसी लगा हुआ एंबुलेंस है ,जिसमें कंपाउंडर के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था है। आक्सीजन सिलेंडर व ओआरएस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

बिहपुर सीएचसी की तैयारी

बिहपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मुरारी पोद्दार ने हीट वेब वार्ड दिखाते हुए बताया कि यह वार्ड पूरी तरह से वातानुकूलित है। यहां एक बार में चार मरीजों को रखा जा सकता है।

वहीं अत्यंत गंभीर को एंबेलेंस से रेफर करने की व्यवस्था भी है। हीट स्ट्रोक के मरीजों को अस्तपाल लाने वाली एंबुलेस भी पूरी तरह से वातानुकूलित है। मरीजों के लिए 24 घंटे डॉक्टर, एएनएम, स्वास्थ्यकर्मी अर्लट मोड में है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खरीक प्रभारी ने क्या कहा?

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खरीक के प्रभारी डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि 24 घंटे चिकित्सक उपस्थित हैं। एसी व पंखा लगे छह बेड है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर में हीट वेव से बचाव के लिए चार बेड का वातानुकूलित वार्ड बनाया गया है।

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