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नसरतखानी में भागलपुर नगर निगम की डेढ़ बीघा जमीन पर 40 लोगों ने किया कब्जा, 10 ने किया पक्का निर्माण

भागलपुर नगर निगम की जमीन पर लोगो कब्‍जा कर रहे हैं लेकिन नगर निमग को इसकी जानकारी तक नहीं है। नसरतखानी में निगम की करीब डेढ़ बीघा जमीन पर 40 लोगों ने कब्‍जा कर रखा है। इन लोगों को निगम ने पानी का कनेक्‍शन भी दे दिया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 04:37 PM (IST)
नसरतखानी में भागलपुर नगर निगम की डेढ़ बीघा जमीन पर 40 लोगों ने किया कब्जा, 10 ने किया पक्का निर्माण
भागलपुर नगर निगम की जमीन पर लोगो कब्‍जा कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नाथनगर के नसरतखानी मोहल्ले में नगर निगम का करीब डेढ़ बीघा जमीन है। लेकिन इसमें 40 से अधिक लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसमें से 10 अतिक्रमणकारी ने दो से तीन मंजिला भवन का निर्माण कर लिया है। वार्ड 11 के नसरतखानी स्थित नगर निगम की जमीन पर वर्ष 1980 से जिले व आसपास के लोगों ने कब्जा कर रखा है। इसमें सरकारी कर्मी भी शामिल है। हैरत की बात है कि जिस निगम की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। वहां निगम की व्यवस्था से घर-घर पानी कनेक्शन भी पहुंचा रहा है। यहां तक बिजली कनेक्शन भी उपलब्ध करा दी गई है। यहां के लोगों का नाम 1995 में मतदाता सूची में दर्ज कर लिया गया है।

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बसा लिया इंदिरा कॉलोनी, लीज पर देने की कवायद

यहां जिले और आसपास के लोगों ने वर्ष 1985 से कब्जा करना शुरू कर दिया। पहले 25 महादलित परिवार व पिछड़े वर्ग के लोग रहने लगे। निगम प्रशासन से जब कोई रोकटोक नहीं हुआ तो इंदिरा कॉलोनी बसा दी गई। जबकि निगम द्वारा उक्त जमीन पर शौचालय की गंदगी फेंका जाता था। इसका दावा है कि वो भूमिहिन और गृहविहीन है। इस जमीन के अलावा कोई जमीन नहीं है। यहां रहने वाले अंजनी राय ने बताया कि नाथनगर अंचल की रिपोर्ट पर तत्कालीन राजस्व मंत्री इंद्र ङ्क्षसह नामधारी ने डीएम से जानकारी मांगी थी कि उक्त जमीन यहां बसे लोगों को दी जा सकती है या नहीं। समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि उक्त जमीन नगरपालिका की है। बिहार सरकार और गैरमजुरआ भूमि नही हैं। इसलिए समाहार्ता स्तर से गृहस्थल योजना के तहत पर्चा देने का भी प्रावधान नहीं है। लेकिन, नगर निगम द्वारा उक्त जमीन की बंदोबस्ती या 99 वर्ष के लिए लीज पर दे सकती है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने 28 मार्च 1998 में अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके आधार पर डीएम के माध्यम से लीज पर बंदेाबस्ती के लिए निगम को भेजा जाना था। जिसपर अमल नहीं हुआ।

निगम की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर विद्यालय भवन निर्माण का प्रस्ताव दिया था। 2014 के प्रस्ताव पर अमल नहीं हुई। लेकिन छह साल पहले मापी कराई गई लेकिन, निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अमरकांत, पूर्व पार्षद वार्ड 11

नगर निगम के 2950 हैक्टेयर जमीन पर अवैध तरीके से इंदिरा कॉलोनी बसा ली गई है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराने को चार बार आवेदन नगर आयुक्त को दे चुके हैं। लेकिन कार्रवाई से निगम भाग रहा है।

- सीता देवी, पार्षद, वार्ड 11  


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