22 February Market Price : महंगाई की मार, घर-घर का बढ़ गया बजट, जानिए... आज का बाजार भाव
पेट्रोल-डीजल घरेलू गैस सरसो तेल-रिफाइन के बाद अरहर के तेवर भी गर्म आम लोगों की टूट चुकी है कमर त्राहिमाम की स्थिति। दिसंबर की तुलना में फरवरी में सभी उत्पादों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि। - पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढऩे से खाद्य वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। महंगाई की मार तो लोग कई महीनों से झेल रहे हैं, लेकिन तीन माह के अंदर पेट्रोल-डीजल से लेकर खाद्य पदार्थों की कीमत में हुए इजाफा से सभी को परेशान कर दिया है। किसान से लेकर गृहिणी और आम लोगों की कमर टूट गई है। दो माह में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 10 रुपये तक इजाफा हुआ है। वहीं, सरसो तेल और रिफाइन के दाम भी बढ़े हैं। अरहर दाल की कीमत भी ङ्क्षक्वटल में एक हजार तक की बढ़ोत्तरी की गई है, जबकि मसूर, मूंग और चना दाल की कीमत में आंशिक इजाफा हुआ है। बढ़ती महंगाई ने घर-घर का बजट बिगड़ गया है। हर तबका इससे परेशान है।
दिसंबर से 10 फरवरी के बीच सरसो तेल की कीमत में प्रति लीटर 15 से 18 रुपये का इजाफा हुआ है। इसी तरह रिफाइन की कीमत भी प्रति लीटर 15 से 18 रुपये बढ़ गई है। कीमत बढऩे की पीछे आपूर्ति कम होना और देश के बाहर से पॉम ऑयल की आवक न होना बताया जा रहा है। जिले में हर महीने 22 से 25 टन के बीच सरसो तेल और 15 से 18 टन के बीच रिफाइन की खपत है। दिसंबर के शुरुआत में अलग-अलग ब्रांड सरसो तेल 135 से 140 रुपये लीटर मिल रहा था। अभी इसकी कीमत 155 से 160 रुपये लीटर हो गया।
खाद्य व्यवसायी संघ के उपाध्यक्ष अभिषेक जैन ने बताया कि जिले में सरसो और रिफाइन तेल की आवक राजस्थान के भरतपुर और मध्य प्रदेश से होती है। पाम ऑयल को सरसो तेल और रिफाइन को रिफाइंड कर बाजार में आता था। इधर, विदेश से पाम ऑयल की आवक बंद हो गई है। इस कारण इजाफा होगा। अब मार्च तक सरसो की नई फसल आने के बाद मार्च से तेल की कीमत कम होने की उम्मीद है।
अरहर, चना दाल की खुदरा कीमत बढ़ी
दो महीने से चना, अरहर, मूंग और मसूर दाल की कीमत भी बढ़ी है। दाल की कीमत में आठ से 10 रुपये की कीमत का इजाफा हुआ है। थोक में अरहर दालों की कीमत में आठ सौ से एक हजार रुपये तक का इजाफा हुआ है। अरहर दाल 110 से 115 रुपये किलोग्राम है, जबकि मूंग की कीमत 105 से 110 रुपये किलोग्राम खुदरा है। चना दाल की खुदरा में 75 से 80 रुपये है। वहीं, मसूर दाल 80 से 85 रुपये है।
45-50 हजार लीटर कम हुई बिक्री
लगातार कीमत में बढ़ोत्तरी की वजह से पेट्रोल-डीजल बिक्री का ग्राफ गिरा है। अभी की अपेक्षा में दिसंबर में बिक्री ज्यादा थी। शहरी क्षेत्र और सभी अनुमंडल और प्रखंड मिलाकर जिले में 90 के आसपास पेट्रोल पंप हैं। दिसंबर से पहले 12 लाख लीटर के आसपास हर महीने डीजल-पेट्रोल की बिक्री होती थी, अब यह एक तिहाई कम गई है। महंगाई के कारण 20 से 25 फीसद कम बाइक ही अमूमन पेट्रोल लेने पहुंच रहे हैं, जबकि पहले सौ से ज्यादा बाइक वाले पहुंचते थे। इस कारण डीजल-पेट्रोल की बिक्री इस समय धड़ाम हो गई है। पेट्रोल पंप संचालक अभी ज्यादा तेल नहीं मंगवा रहे हैं।-पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम गई है। महंगाई का असर दिख रहा है। एक पेट्रोल पंप के प्रबंधक ने बताया कि महंगाई का असर बिक्री पर पड़ रहा है।
डीजल और पेट्रोल की महंगाई का सीधा असर किसानी पर पड़ा है। ङ्क्षसचाई महंगी हो गई है। खेती की लागत बढ़ेगी तो किसानों की परेशानी भी बढ़ेगी। डीजल को सरकारी नियंत्रण में लाकर दर को नियंत्रित करना चाहिए। - वरुण यादव, किसान।
पेट्रोल, डीजल की कीमतें बढऩे से कई सामानों की कीमतों में इजाफा हुआ है। मंहगाई से हर कोई परेशान हैं। रसोई गैस, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। कीमत नियंत्रण करने की जरूरत है। - सचिन कुमार, किसान
रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ रही है। रसोई की बजट पर असर पड़ रहा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने लाभुक सिलिंडर दो माह से नहीं ले रहे हैं। कीमत पर नियंत्रण जरूरी है। - संगीता देवी।
महंगाई से घरेलू बजट बिगड़ गया है। गैस की कीमत में भी काफी इजाफा हुआ है। अरहर दाल, सरसो तेल और रिफाइन की कीमत हर दिन बढ़ रही है इस पर नियंत्रण जरूरी है। -सुनीता सराफ
मुख्य बातें
भागलपुर में पेट्रोल-डीजल बिक्री का आंकड़ा
-9.5 से 10.5 लाख लीटर दिसंबर में
-8.75 से 9.75 लाख लीटर वर्तमान में
-90 के आसपास जिले में हैं पेट्रोल पंप