Bhagalpur court : व्यवहार न्यायालय ने बनाया वाट्सएप ग्रुप, चार माह में निपटाए गए 164 केस Bhagalpur News
इस ग्रुप में जोनल आइजी एसएसपी डीएसपी इंस्पेक्टर थानाध्यक्ष चौकी प्रभारी के अलावा जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के प्राचार्य सिविल सर्जन सहित अन्य को जोड़ा गया।
भागलपुर [जेएनएन]। व्यवहार न्यायालय में गवाह की उपस्थिति नहीं हो पाने से हत्या, जानलेवा हमला, अपहरण, डकैती, लूट जैसे मुकदमें जो वर्षों से लटके थे, अब उनके निपटारे में तेजी आ गई है। इसके लिए न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। दरअसल, व्यवहार न्यायालय में पहली बार गवाहों को बुलावा भेजने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप में जोनल आइजी, एसएसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष, चौकी प्रभारी के अलावा जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के प्राचार्य, सिविल सर्जन सहित अन्य को जोड़ा गया। ग्रुप में गवाही से संबंधित नोटिस को पोस्ट कर दिया जाता है, जिससे संबंधित व्यक्ति तक सूचना पहुंच जाती है। जल्द ही इसका बेहतर परिणाम सामने आने लगा। जुलाई में शुरू किए गए इस ग्रुप के माध्यम से नौ अगस्त तक 120 गवाहों की गवाही हो गई।
थाना व चौकी प्रभारियों को नोटिस पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश
व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश एमपी सिंह द्वारा गवाहों को बुलाने के लिए शुरू किए गए वाट्सएप ग्रुप को एसएसपी ने भी गंभीरता से लिया। एसएसपी ने अभियोजन कोषांग में तैनात इंस्पेक्टर अजीत कुमार को ग्रुप में पोस्ट मैसेज पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही जिले के सभी थानाध्यक्षों,चौकी प्रभारियों को व्हाट्सएप पर गवाहों की जारी सूची पर त्वरित अनुपालन करने का निर्देश दिया है। अब न्यायालय से अभियोजन कोषांग प्रभारी गवाहों की सूची लेकर उसे व्हाट्स एप पर जारी कर रहे हैं। संबंधित थानाध्यक्ष उन गवाहों की कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित कराने में लग जाते हैं।
पहले होती थी परेशानी
पहले गवाहों की अदालत में उपस्थिति के लिए पत्र जारी किया जाता था। जो कभी कभी वरीय अधिकारियों के कार्यालय में ही कहीं फंस जाता था। समय पर संबंधित व्यक्ति तक पत्र नहीं पहुंच पाता था। इससे गवाहों की अदालत में गवाही नहीं हो पाती थी।
गवाहों की उपस्थिति नहीं होने पर न्यायाधीश ने भेजा था नोटिस
अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी सिंह ने वर्षों पुराने हत्या, जानलेवा हमले, अपहरण, डकैती, लूट के अधिकांश मुकदमे में वर्षों से पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सक समेत मुख्य गवाहों की गवाही नहीं होने पर नोटिस जारी किया था। जवाब नहीं मिलने पर मुख्य सचिव, डीजीपी, जोनल आइजी, एसएसपी को भी पत्र भेजा गया। ताकि गवाहों को गवाही के लिए अदालत में उपस्थित कराने का दवाब स्थानीय पुलिस को बने। लेकिन ऐसा हुआ नहीं हो सका।
सौ से अधिक पत्राचार के बाद भी नहीं बन सकी बात
अदालत में गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस व प्रशासन के वरीय अधिकारियों से सौ से अधिक पत्राचार किए गए। लेकिन, बात नहीं बनी। इसके बाद वाट्सएप ग्रुप बनाया गया। जिसमें जिले वरीय पुलिस पदाधिकारी और सभी थानाध्यक्ष को जोड़ा गया।
चार महीने में ही दिखने लगा असर
गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए व्यवहार न्यायालय द्वारा बनाए गए वाट्सएप ग्रुप का चार महीने में ही असर दिखने लगा है। ग्रुप को जुलाई 2019 में बनाया गया था। नौ अगस्त तक ग्रुप के माध्यम से विभिन्न मामलों में 120 गवाहों की गवाही हो गई। गवाह भी समय से न्यायालय पहुंच गए। उनके बयान का प्रति परीक्षण भी करा लिया गया।
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