बीएयू में चल रहा सब एग्री परियोजना के तहत 15 स्टार्टअप प्रोग्राम, इस तरह आपको मिल सकती है लाखों रुपये की मदद
युवाओं को रोजगार देने के लिए बिहार कृषि विवि की ओर से कई तरह के र्स्टाटअप प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से अब तक कई युवा खुद का कारोबार स्थापित कर चुके हैं। बीएयू की ओर से उन्हें हर संभव मदद दी जा रही है।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। पांच वर्ष तक जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के लिए सरकार ने 238 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष के लिए 71 करोड़ रुपये मिले हैं। उक्त बातें शुक्रवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर के सोहाने ने प्रसार शिक्षा परिषद की 20वीं बैठक के अध्यक्षीय संबोधन में कही।
उन्होंने कहा कि पोस्ट हार्वेस्ट को बढ़ावा देने के लिए पीएफएमई से सपोर्ट मिला है। जिससे सब एग्री परियोजना के तहत 15 स्टार्टअप प्रोग्राम चलाया जा रहा है। हाल के दिनों में बिहार लीची को भारत सरकार का जीआई टैग मिला है। अब लीची को विदेश के मार्केट में बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए भी व्यापक पैमाने पर तैयारी की जा रही है।
मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ. एके ङ्क्षसह ने कहा कि बिहार में धान एवं गेहूं की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। कृषि विज्ञान केंद्रों को कहा कि बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में उस अनुसार खेती की तकनीक का उपयोग कर किसानों के नुकसान को कम करने की जरूरत है। राज्य के लोकल एवं देसी किस्मों को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय स्तर पर जीआई टैग दिलाने के लिए राज्य सरकार से समन्वय कर काम करने की जरूरत है। उन्होंने उद्यमिता विकास के मॉडल को और विकसित करने की जरूरत बताई। मौके पर अटारी पटना के निदेशक डॉ.अंजनी कुमार, विशा समस्तीपुर के वरीय वैज्ञानिक डॉ.आरके जाट, डॉ आर एन ङ्क्षसह, डॉ. रामानुज विश्वकर्मा आदि ने कार्यक्रम को संबोधित किया। बैठक वर्चुअल मोड में हुआ।
दरअसल, बीएयू में सब एग्री परियोजना के तहत 15 स्टार्टअप प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इससे अब तक कई युवा लाभान्वित हो चुके हैं। उन्हें सरकारी स्तर से सहायता भी मिल गई है। साथ ही उन्हें मार्केटिंग आदि के बारे में भी विशेषज्ञ जानकारी देते हैं। इससे उन्हें आगे का कारोबार करने में काफी सहूलियत होती है।