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जैविक खाद के नाम पर व्यवसायी कर रहे किसानों के साथ खिलवाड़

बेगूसराय। किसानों की समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। दो वर्षों से लगातार अतिवृष्टि एवं बाढ़ की विभीषिका से फसल नष्ट हो गयी। इससे किसानों को अपनी जीविका चलाने एवं मवेशी पालन कठिन हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 07:05 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 07:05 PM (IST)
जैविक खाद के नाम पर व्यवसायी  कर रहे किसानों के साथ खिलवाड़
जैविक खाद के नाम पर व्यवसायी कर रहे किसानों के साथ खिलवाड़

बेगूसराय। किसानों की समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। दो वर्षों से लगातार अतिवृष्टि एवं बाढ़ की विभीषिका से फसल नष्ट हो गयी। इससे किसानों को अपनी जीविका चलाने एवं मवेशी पालन कठिन हो गया है। इस बार समय पर रबी फसल की बुआई नहीं होने से किसानों के सामने अच्छी पैदावार नहीं होने की प्रबल संभावना बन गई है। दूसरी ओर खाद कंपनियां जैविक खाद के नाम पर किसानों के भविष्य से बड़े पैमाने पर खिलवाड़ कर रही है।

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किसानों को कम लागत में औसतन उपज वृद्धि का सब्जबाग दिखाकर जैविक खाद के नाम पर घटिया खाद किसानों को बेची जा रही है। इससे इस क्षेत्र के सैकड़ों बीघा में लगी गेहूं की फसल नष्ट होने के कगार पर है। गौरा एक के दर्जनों किसानों ने रबी की फसल गेहूं की बोआई के समय महंगे दाम के कथित जैविक खाद का प्रयोग अपने खेतों में किया। बोआई के बाद पौधे की वृद्धि नहीं हो पा रही है। खेतों में लगी गेहूं की पूरी फसल झुलसी हुई दिखती है। आलम यह है कि कई उपचार के तरीके भी किसानों ने की, लेकिन कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है।

कहते हैं किसान :

गौरा एक के किसान मनोहर सिंह एवं गंगा सागर सिंह ने बताया कि बरौनी के खाद व्यवसायी ने गेहूं की बुआई के लिए डीएपी के स्थान पर जैविक खाद काफी फायदा बताकर गौरा एक के दर्जनों किसानों को 1150 रुपया प्रति बैग उपलब्ध कराया था। किसानों ने 80 से सौ बीघा खेतों में इस जैविक खाद का प्रयोग किया। आज इन सभी किसानों की फसल में कुछ भी विकास नहीं है। गंगासागर सिंह ने बताया कि मैं खुद 10 बीघा में 70 से 80 हजार रुपया लगा चुका हूं फसल को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार की उपज से मूलधन निकलना तो दूर परिवार का भरण पोषण भी मुश्किल हो जाएगा। इसी तरह मनोहर कुमार 15 बीघा में, नागेश्वर प्रसाद सिंह 5 बीघा, कृष्ण प्रसाद सिंह 5 बीघा, श्रीराम 5 बीघा, रामबली साह 2 बीघा के अलावा अन्य किसान ने अपने खेतों में इस खाद का प्रयोग कर अपना सिर पीटने को विवश हैं।

बोले स्थानीय जनप्रतिनिधि :

खेतों पर मौजूद इन तमाम किसानों के साथ सरपंच प्रतिनिधि ललित कुमार साह, उपसरपंच रामाधार राय, वार्ड सदस्य चंदन कुमार, पंच नवीन महतो आदि ने जिला प्रशासन से ऐसे नकली जैविक खाद की जांच कराने, दोषियों पर उचित कार्रवाई करने के साथ ही किसानों को इस भारी क्षति का मुआवजा दिलाने की मांग की।


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