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ताड़ी उत्पादन व बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों का होगा सर्वेक्षण

बेगूसराय। ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान चिह्नित परिवारों को नीरा उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि नीरा की बिक्री कर ऐसे परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 06:44 PM (IST)
ताड़ी उत्पादन व बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों का होगा सर्वेक्षण
ताड़ी उत्पादन व बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों का होगा सर्वेक्षण

बेगूसराय। ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान चिह्नित परिवारों को नीरा उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि नीरा की बिक्री कर ऐसे परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके। इसके अलावा ऐसे चिह्नित परिवारों को सतत जीविकोपार्जन की विभिन्न गतिविधियों के लिए क्षमतावर्धन एवं आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।

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ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों के सर्वेक्षण को लेकर शनिवार को डीएम अरविद कुमार वर्मा ने अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से बैठक की। बैठक में उन्होंने सर्वेक्षण से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य के लिए संबंधित प्रखंड के बीडीओ को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। जो प्रशिक्षण, अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करते हुए सर्वेक्षण कार्य को ससमय पूर्ण कराएंगे। उन्होंने 31 जनवरी तक सर्वेक्षण दल का गठन करने तथा सात जनवरी से सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। डीएम ने 15 फरवरी तक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने का निर्देश भी दिया। बैठक में डीडीसी सुशांत कुमार, नगर आयुक्त मो. अब्दुल हमीद, जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक तरुण कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी भुवन कुमार आदि उपस्थित थे।

पंचायतों में गठत होगी टीम : सर्वेक्षण के लिए ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्र में टीम का गठन किया जाएगा। पंचायतों में गठित टीम में विकास मित्र, चौकीदार एवं जीविका के सामुदायिक साधनसेवी शामिल होंगे। वहीं शहरी क्षेत्र की टीम में आंगनबाड़ी सेविका, जीविका के निगम कर्मी एवं विकास मित्र को शामिल किया जाएगा।

एक मार्च से शुरू हो सकता है नीरा का उत्पादन : ताड़ी उत्पादन व बिक्री करने वाले चिह्नित परिवारों को कंफेड की मदद से नीरा उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरान्त एक मार्च से जिले में नीरा का उत्पादन शुरू हो सकता है। नीरा उत्पादन के साथ कैंडी, गुड़ एवं पेड़ा बनाने का प्रशिक्षण के साथ उत्पादन भी किया जाएगा।

नीरा उत्पादन समूह का होगा गठन : नीरा उत्पादन के लिए चिह्नित परिवारों का समूह गठन भी किया जाएगा। फिलहाल जिले में 250 ताड़ी उत्पादकों को चिह्नित करने का फैसला लिया गया है। नीरा व अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए तत्काल 40 बिक्री केंद्र की स्थापना की जाएगी। इन बिक्री केंद्रों के अलावा दीदी की रसोई में भी नीरा व ताड़ी के अन्य उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।


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