पीएचसी में तोड़फोड़ से कोविड वैक्सीनेशन अभियान को लगा झटका
बेगूसराय। बखरी पीएचसी में की गई तोड़फोड़ से सबसे बड़ा झटका सरकार के कोविड वैक्सीनेशन अभियान को लगा है। इससे वैक्सीनेशन अभियान ठप हो गया है। अस्पताल के संसाधनों को जिस तरह से नष्ट किया गया है उससे जाहिर है कि अस्पताल निकट भविष्य में लोगों को टीका लगाने में सक्षम नहीं हो सकेगा।
बेगूसराय। बखरी पीएचसी में की गई तोड़फोड़ से सबसे बड़ा झटका सरकार के कोविड वैक्सीनेशन अभियान को लगा है। इससे वैक्सीनेशन अभियान ठप हो गया है। अस्पताल के संसाधनों को जिस तरह से नष्ट किया गया है, उससे जाहिर है कि अस्पताल निकट भविष्य में लोगों को टीका लगाने में सक्षम नहीं हो सकेगा। फिलहाल अस्पताल में कोविड वैक्सीन की तीन सौ वायल मौजूद है। अब उसे निकट के दूसरे पीएचसी में शिफ्ट किया जा रहा है। अस्पताल के बीसीएम सुमन कुमार, बीएचएम मनीष कुमार ने बताया कि विगत 24 घंटे से अस्पताल की विद्युत व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। ऐसे में कोविड वैक्सीन सहित जेई, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी, पेंटा, स्नेक बाइट, एआर, टीटी, मिजिल्स, एंटी रैबीज जैसे हजारों टीके के खराब होने का खतरा मंडराने लगा है।
प्रसव कार्य ठप, बंध्याकरण भी प्रभावित
बखरी पीएचसी महिला बंध्याकरण अभियान तथा महिला-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए अस्पताल में प्रसव कार्य की बेहतर सेवा के लिए जाना जाता है। इसके लिए सरकार की ओर से बखरी अस्पताल को राज्य में दूसरा पुरस्कार भी मिल चुका है। परंतु, आक्रोशित भीड़ ने जिस तरह से अस्पताल स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को नष्ट किया है, उससे स्वास्थ्य सेवा के दोनों महत्वपूर्ण कार्य यहां ठप हो गए हैं। अब क्षेत्र की गरीब माताओं को प्रसव के लिए जिला अथवा निकट के अस्पतालों का सहारा लेना पड़ेगा। इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी होगी।
बताते चलें कि गुरुवार को शकरपुरा निवासी ननकू रजक की छठ के दौरान बागमती नदी में डूबने से मौत के बाद आक्रोशित भीड़ ने सुनियोजित तरीके से अस्पताल को निशाना बनाया था। संपूर्ण पीएचसी, डीएसपी चंदन कुमार के आवास, अग्निशमन दस्ते को निशाना बनाया गया। भीड़ ने एक बार भी नहीं सोचा कि इसका खामियाजा अंतत: क्षेत्र की जनता को ही भुगतना पड़ेगा।