हाल पार्टी कार्यालय का : कहीं होता रहा जोड़-तोड़ तो कहीं छाया रहा सन्नाटा
बेगूसराय। मंगलवार को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद देर रात तक जहां प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ समीक्षा बैठक कर जीत-हार का आंकलन किया वहीं समर्थक भी क्षेत्रवार जातीय समीकरण के जोड़-तोड़ से उलझे चुनावी गणित को सुलझाने में दिन भर लगे रहे। बेगूसराय के सात विधानसभा सीट पर हुए 2015 के चुनाव में महागठबंधन ने सातों सीट पर कब्जा जमाया था। 2015 के गठबंधन में जदयू व राजद साथ थी वहीं 2020 के चुनाव में समीकरण बदला- बदला सा रहा। जदयू एनडीए खेमे में शामिल रहा।
बेगूसराय। मंगलवार को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद देर रात तक जहां प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ समीक्षा बैठक कर जीत-हार का आंकलन किया, वहीं समर्थक भी क्षेत्रवार जातीय समीकरण के जोड़-तोड़ से उलझे चुनावी गणित को सुलझाने में दिन भर लगे रहे। बेगूसराय के सात विधानसभा सीट पर हुए 2015 के चुनाव में महागठबंधन ने सातों सीट पर कब्जा जमाया था। 2015 के गठबंधन में जदयू व राजद साथ थी वहीं 2020 के चुनाव में समीकरण बदला- बदला सा रहा। जदयू एनडीए खेमे में शामिल रहा। वहीं राजद, वामपंथ व कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में उतरी है। भीतरघात व पार्टियों के बागी उम्मीदवारों ने सभी सीट पर संशय की स्थिति उत्पन्न की है। सभी दल या प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार का चुनावी समीकरण उलझा है जिससे जीत के लिए सबों को कांटे का संघर्ष का सामना करना होगा।
कांग्रेस भवन में चलती रही हार जीत की चर्चा :
कांग्रेस के लोहियानगर स्थित जिला कार्यालय में देर रात तक महागठबंधन की प्रत्याशी अमिता भूषण ने समर्थकों के साथ क्षेत्र से मिल रही सूचनाओं के आधार पर जीत-हार के आंकलन की समीक्षा की। सुबह कांग्रेस भवन में कुछ देर सूनापन रहा, लेकिन उसके बाद फिर सदर प्रखंड के कार्यकर्ताओं की आवाजाही शुरू हो गई। सदर प्रखंड के चांदपुरा निवासी सदानंद महाराज, खम्हार निवासी नेत्री शांति देवी, रजौड़ा निवासी कुद्दुस आलम अंसारी, किल्ली पहाड़पुर के मो.शमीम, अशोक निवासी राजीव कुमार मुन्ना सदर प्रखंड के जातीय समीकरण की चर्चा में व्यस्त दिखे। चर्चा की मानें तो क्षेत्र में जातीय समीकरण एकजुट रहा, लेकिन अगड़ी व पिछड़ी अन्य जातियों के वोटों में बिखराव से मुश्किल बढ़ी है। इनकी राय में जीत का फासला बहुत ज्यादा नहीं होगा, जबकि प्रत्याशी ने चुनाव पूर्व सदर प्रखंड में दिनरात मेहनत की है।
भाजपा जिला कार्यालय में लटका रहा ताला :
बाघा स्थित भाजपा जिला कार्यालय में लंबे समय से ताला लटका है। भाजपा प्रत्याशी कुंदन कुमार ने पन्हास स्थित चुनाव कार्यालय भी चुनाव प्रचार खत्म होने के दिन से खाली कर दिया है। जोड-तोड़ की समीक्षा व आंकलन का केन्द्र कपस्या स्थित प्रत्याशी का घर बना है। जहां कार्यकर्ताओं की आवाजाही व समीक्षा दिन रात चल रही है। भाजपा जिला कार्यालय के पास मवेशी पालन कर रहे परिवार के सदस्य नीरज कुमार बताते हैं कि लंबे समय से यहां कोई नहीं आता। पास जाने पर कार्यालय के मुख्य द्वार पर लटका ताला और लटके जाले नीरज की बात को साबित कर रहे हैं। आसपास के गड्ढे अतिवृष्टि से जलमग्न हैं जिस कारण कार्यकर्ताओं ने यहां आना छोड़ दिया है।
जदयू कार्यालय भी मिला बंद:
बेगूसराय से महागठबंधन में शामिल जदयू को मटिहानी, चेरियाबरियारपुर व एसकमाल क्षेत्र से सीट मिला था। बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के खाते में रही और वर्तमान विधायक अमिता भूषण को दुबारा चुनाव मैदान में उतारा गया है। शहर में प्रत्याशी नहीं होने से जदयू की गतिविधियां थोड़ी सिमटी-सिमटी ही रही। बाघा स्थित जदयू के प्रधान कार्यालय पर भी चुनाव के अगले दिन ताला लटका रहा। आसपड़ोस के लोगों ने बताया कि इधर कार्यालय से गतिविधियां कम हो गई है। अब मतगणना तक यहीं हाल रहेगा।