सुधार मगर अब भी कई मूलभूत सुविधाओं में सुधार की है दरकार
बेगूसराय कुछ वर्ष पूर्व के मुकाबले वर्ष 2020-21 के वित्तीय वर्ष में जिले के स्कूलों में बड़े पै
बेगूसराय : कुछ वर्ष पूर्व के मुकाबले वर्ष 2020-21 के वित्तीय वर्ष में जिले के स्कूलों में बड़े पैमाने पर सुधार किए गए हैं, परंतु उसके बाद भी कुछ बिदुओं पर सुधार की सख्त आवश्यकता है। मूल रूप से विद्यालयों की सुरक्षा के ²ष्टिकोण से महत्वपूर्ण चहारदीवारी, बच्चों के लिए बिजली की व्यवस्था, पुस्तकालय और खेल का मैदान सहित वर्ग कक्ष की उपलब्धता शामिल है। जिले में प्राथमिक से लेकर इंटर तक के कुल 1654 स्कूल हैं। इसमें छह लाख 54 हजार 857 विद्यार्थी नामांकित हैं। इनको पढ़ाने के लिए 12 हजार 644 शिक्षक तैनात हैं। जबकि इन बच्चों को बैठने के लिए मात्र 13 हजार 140 वर्ग कक्ष हैं।
52 विद्यार्थी पर एक शिक्षक 50 पर है एक वर्ग कक्ष :
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूलों में 40 विद्यार्थी पर एक शिक्षक का सुझाव दिया गया है। बेगूसराय उस सुझाव से फिलहाल थोड़ा पीछे है। यहां पर एक शिक्षक के जिम्मे 52 विद्यार्थी आते हैं, जबकि एक वर्ग कक्ष में 50 विद्यार्थियों को बैठाया जाता है। जिला के 18 प्रखंडों में शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों के अनुपात में सबसे बेहतर मंसूरचक प्रखंड की है। यहां पर 41 बच्चे पर एक शिक्षक हैं। शाम्हो प्रखंड के एक शिक्षक के जिम्मे 79 विद्यार्थी हैं। खेल के मैदान पर फोकस करने की है आवश्यकता :
जिला शिक्षा विभाग द्वारा बुनियादी सुविधाओं को लेकर तैयार किए गए यू-डाईस के अनुसार जिले के 1653 स्कूलों में से 1138 स्कूलों के पास खेल का मैदान नहीं है, जबकि 903 स्कूलों की अब तक चहारदीवारी भी नहीं हो सकी है। विद्यालयों के शौचालय के मामले में सिर्फ तेघड़ा प्रखंड में एक स्कूल है जहां के विद्यार्थी के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं 352 स्कूलों में बिजली और 368 स्कूलों में पुस्तकालय अब तक स्थापित नहीं हो सके हैं। इस साल 31480 विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी :
यू-डाईस के अनुसार जिले के सरकारी और सरकारी मान्यता प्राप्त वर्ग एक से 12 तक के स्कूलों में आठ लाख आठ हजार 544 विद्यार्थी नामांकित हैं। शैक्षिक कैलेंडर 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 31480 नए विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया है। इसमें चार लाख आठ हजार 883 बालक और तीन लाख 99 हजार 661 बालिकाएं शामिल हैं। यहां पर वर्ग एक से पांच तक में 401869, छह से आठ तक में 216871, नवम-दशम में 111693 और 11-12 में 78111 विद्यार्थी नामांकित हैं। शहर में है भरमार, मगर गांव के स्कूलों में है शिक्षकों की दरकार :
जिला शिक्षा विभाग के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के स्कूलों में शिक्षकों की भारी संख्या है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बच्चों के अनुपात नहीं हो पा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बहाल होने वाले शिक्षक जुगाड़ के सहारे शहर के स्कूलों में आ रहे हैं, जो एक बार आ जाते हैं वे फिर वापस अपने स्कूल नहीं जाना चाहते हैं। जिसके कारण ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की किल्लत बनी हुई है। सबसे खराब स्थिति शाम्हो प्रखंड की है। यहां पर महज 108 शिक्षक हैं। जबकि सबसे अधिक शिक्षक बेगूसराय सदर प्रखंड में दो हजार 25 शिक्षक हैं। तेघड़ा में एक हजार 48, बरौनी में 995, बछवाड़ा में 878, बलिया में 788, बखरी में 522, भगवानपुर में 844, वीरपुर में 404, चेरियाबरियारपुर में 715, छौड़ाही में 595, डंडारी में 320, गढ़पुरा में 525, खोदावंदपुर में 412, मंसूरचक में 547, मटिहानी में 714, नावकोठी में 388, साहेबपुर कमाल में 836 शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं।