बूढ़ी गंडक के तटबंध पर डेरा डाले लोगों की सहायता को उठे हाथ
छौड़ाही (बेगूसराय) बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है। 36 घंटे से स्थिर जलस्तर सोमवार को रेलवे पुल के पास 46.75 मीटर दर्ज किया गया।
छौड़ाही (बेगूसराय) : बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है। 36 घंटे से स्थिर जलस्तर सोमवार को रेलवे पुल के पास 46.75 मीटर दर्ज किया गया। तटबंध में प्रत्येक 50 मीटर पर रिसाव हो रहा है। वहीं गहरा कटाव भी प्रत्येक दो किलोमीटर के अंतराल पर जारी है। इस स्थिति में नदी के तटबंध पर डेरा डाले सैकड़ों परिवार को हो रही परेशानी के संबंध में दैनिक जागरण के शनिवार के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर प्रकाशन के बाद भी सरकारी अमला सोया हुआ है। परंतु, सामाजिक कार्यकर्ता इन लोगों के बीच पहुंच उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही सांत्वना भी दे रहे हैं। तमाम सरकारी दावों से इतर पूर्व में बूढ़ी गंडक की तबाही को झेल चुके लोग तटबंध की स्थिति गंभीर होने की बात कह रहे हैं।
प्रदेश सचिव डॉ. एस. कुमार ने बूढ़ी गंडक नदी के बाएं तटबंध के मेघौल, बिदुलिया, मालपुर, फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, मिर्जापुर, बाड़ा, बेगमपुर, मोहनपुर एवं नुरुल्लाहपुर गांव स्थित तटबंध में हो रहे कटाव, रिसाव और सिपेज वालों स्थानों का टीम के साथ जायजा लिया। बताया कि रोसड़ा रेलवे गुमटी से फफौत पुल चौक तक कुल 13 किलोमीटर में बांध पर सड़क का घटिया निर्माण कराया जा रहा है। जिससे इन जगहों पर तटबंध में सैकड़ों जगहों पर रेनकट रिसाव और सिपेज होने लगा है। बताया कि इससे लोगों में बांध टूटने का भय बना हुआ है। उन्होंने तटबंध पर अंधेरे में रहने को विवश लोगों के लिए तटबंध किनारे के हर बिजली के खंभों पर एलईडी लगाने के लिए दर्जनों बल्ब एवं जरूरतमंदों के बीच पॉलीथीन की चादर आदि राहत सामग्री का वितरण किया। मौके पर मौजूद जाप प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार रजक, पंकज कुमार, अरुण कुमार, राधेश्याम कुमार, संदीप कुमार, चंदू पासवान आदि ने बताया कि तटबंध पर डेरा डाले लोगों को हो रही तकलीफ के बारे में खबर पढ़कर मदद को पहुंचे हैं।