बेगूसराय के सिमरिया गंगा तट पर कचरे का अंबार, छठ व्रतियों को पूजा की चिंता
बेगूसराय। जिला प्रशासन सिमरिया गंगा नदी तट से सात करोड़ रुपये राजस्व वसूला करता है। इतना अधिक रकम वसूली के बावजूद सिमरिया गंगा नदी तट पर कचरे का अंबार लगा हुआ है। आस्था का महापर्व छठ पूजा का आयोजन शुरू हो गया है।
बेगूसराय। जिला प्रशासन सिमरिया गंगा नदी तट से सात करोड़ रुपये राजस्व वसूला करता है। इतना अधिक रकम वसूली के बावजूद सिमरिया गंगा नदी तट पर कचरे का अंबार लगा हुआ है। आस्था का महापर्व छठ पूजा का आयोजन शुरू हो गया है। छठ व्रती महिलाएं प्रतिदिन सिमरिया गंगा नदी तट पर गंगा स्नान करने और छठ पूजा को लेकर पवित्र गंगा जल लेकर अपने-अपने घरों को लौट रही हैं। लेकिन, सिमरिया गंगा नदी तट पर साफ-सफाई व पेयजल, प्रकाश, शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जबकि, जिला प्रशासन ने सिमरिया घाट को स्वच्छ और सुंदर बनाने को लेकर सिमरिया गंगा घाट के इलाकों को नगर परिषद बीहट क्षेत्र में शामिल किया गया, ताकि नगर परिषद बीहट द्वारा गंगा घाट की सफाई व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगा। जिला प्रशासन की सोच के विपरीत नगर प्रशासन के द्वारा साफ-सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। कहने को तो दस मजदूर रोज गंगा नदी तट और बाजार क्षेत्र में सफाई में लगे हैं, लेकिन सिमरिया घाट पर सफाई नहीं दिखती है। हर तरफ कचरों का अंबार लगा हुआ है। ऐसी स्थिति में छठ पूजा के दौरान छठ व्रती को छठ पूजा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही गंगा नदी तट पर दलदली और गंगा नदी में बैरिकेडिग भी ठोस नहीं है। इससे लोगों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। शनिवार को सिमरिया गंगा नदी तट पर गंगा स्नान करने के लिए छठव्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ने लगी है। ऐसी स्थिति में गंगा नदी तट की सफाई करना नगर प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। शनिवार को गंगा स्नान को आए बेगूसराय विशनपुर निवासी राजेश साह का 29 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार गंगा नदी किनारे दलदल में फंस गए, जिसको सिमरिया गंगा नदी तट पर तैनात गोताखोर अनिल कुमार, भरत, कृष्ण, मनीष, अर्जुन सहित अन्य ने बाहर निकाला तब जाकर युवक की जान बच पाई। जिला प्रशासन को अविलंब सिमरिया गंगा नदी तट की सफाई के साथ छठव्रतियों को हर सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल करनी होगी।