तेघड़ा नगर परिषद क्षेत्र में पांच दिनों से पानी की किल्लत
बिहार सरकार नल जल योजना को अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट मानती है। दावा करती है कि 99 प्रतिशत जनता को पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध हो रहा है लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। यह योजना अधिकतर फाइलों में ही कैद होकर रह गई है। जमीनी हकीकत की तहकीकात की जाए तो वास्तविकता कुछ और ही बयां करती है। तेघड़ा नगर परिषद की मनमानी से विगत पांच दिनों से नगर परिषद क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बंद है। इससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है।
संवाद सहयोगी, तेघड़ा (बेगूसराय) : बिहार सरकार नल जल योजना को अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट मानती है। दावा करती है कि 99 प्रतिशत जनता को पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध हो रहा है, लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। यह योजना अधिकतर फाइलों में ही कैद होकर रह गई है। जमीनी हकीकत की तहकीकात की जाए तो वास्तविकता कुछ और ही बयां करती है। तेघड़ा नगर परिषद की मनमानी से विगत पांच दिनों से नगर परिषद क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बंद है। इससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित तेघड़ा नगर परिषद के वार्ड संख्या चार, पांच, छह, सात, आठ, 11, 14, 15, 16, 19 एवं 20 के लोग हैं।
बताते चलें कि स्टेशन रोड के पुराना ब्लाक के समीप पाइप फटा हुआ है। कई दिनों से इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है। क्षेत्र की जनता नगर परिषद के अधिकारियों समेत प्रतिनिधियों को कोसते रहे। तब जाकर विभाग की नींद खुली और मरम्मत के लिए मिस्त्री को लगाया गया। नगर कार्यालय के जेई कृष्ण मुरारी ने बताया कि मरम्मत कार्य के लिए मिस्त्री को लगाया गया है। गुरुवार से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। समाजसेवी संतोष राय ने विभाग एवं जिला प्रशासन से पूरे क्षेत्र का पाइप बदल कर नया पाइप लगाने की मांग की है, ताकि लोगों को फिर से पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
उधर, लोगों की माने तो यह योजना भले ही सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट है मगर इसका लाभ शत-प्रतिशत लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। इसकी मुख्य वजह अधिकारियों की उदासीनता बतायी जा रही है। लोगों ने इस पर विशेष ध्यान देने की मांग की है, ताकि लोगों को नल जल योजना का सही से लाभ मिल सके।