बिहार के इस युवा IITian के स्टार्टअप के मुरीद हैं किसान, PM मोदी भी, जानिए
बिहार के एक युवा आइआइटियन ने स्टार्टअप बनाया है जिससे किसान अब इसकी मदद से घर बैठे खाद बीज मंगा सकते हैं। वहीं पीएम मोदी भी छात्र के इस स्टार्ट अप के सुरीद हैं।
बिहारशरीफ [प्रशांत सिंह]। स्टार्टअप का नाम 'देहात' भले ही है, लेकिन देहात में रहने वाले किसानों को इसके जरिये शहरी कृषि बाजार में उपलब्ध तमाम चीजें घर बैठे मुहैया करा दी जा रही हैं। बस एक फोन कॉल पर। तभी, खुद प्रधानमंत्री इसके कायल हैं।
52 हजार किसानों को सुविधा तो 82 को दिया रोजगार
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) पटना से पढ़कर निकले शशांक ने खेती को आसान और लाभकारी बनाने के लिए 2011 में देहात नामक स्टार्टअप की परिकल्पना की। आज इस ऑनलाइन कृषि बाजार सुविधा से बिहार के पांच जिलों के 52 हजार किसान जुड़ चुके हैं।
इरादा 2020 तक बिहार के 2.5 लाख किसानों को जोड़ने का है। देहात का पहला सेंटर बिहारशरीफ के सोहसराय इलाके में खुला। 24 जनवरी को खुले इस सेंटर से 82 युवाओं को रोजगार मिल चुका है।
पीएम मोदी शशांक को ले गए थे केन्या
शशांक के स्टार्टअप की जानकारी पीएमओ को जब हुई तो बात प्रधानमंत्री तक पहुंची। थीम से प्रभावित हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2016 में शशांक को अपने साथ केन्या ले गए। वहां उन्होंने देहात की अवधारणा को समझा कर भारतीय प्रतिभा की दमदार ब्रांडिंग भी की थी।
पता व मोबाइल नंबर जरूरी
सेवा लेने को इच्छुक किसानों को पहले आसान पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण के वक्त उनके नाम, पते व मोबाइल नंबर दर्ज किए जाते हैं। कौन सी फसल उपजाते हैं, जानकारी लेने के साथ उस खेत की मिट्टी मंगवाकर जांच कराई जाती है। मिट्टी के अनुरूप खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाता है। देहात ग्लोबल बाजार भी मुहैया कराता है।
इस तरह की शुरुआत
छपरा, बिहार के बनियापुर के मूल निवासी शशांक ने 2011 में देहात का पहला सेंटर बिहार के वैशाली में खोलने के बाद से बेतिया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में 134 सेंटर खोल चुके हैं। अप्रैल तक मोतिहारी, कटिहार व भागलपुर में देहात सेंटर खोलने की तैयारी है।
शशांक का साथ बिहार के ही उनके चार आइआइटीयन दोस्त दे रहे हैं। मनीष आइआइटी खड़गपुर के छात्र रहे हैं। शशांक व मनीष ने एमएनसी की नौकरी छोड़कर देहात शुरू किया। बाद में जमशेदपुर के अमरेंद्र और धनबाद के आदर्श देहात की गवर्निंग बॉडी के सदस्य बने।
शशांक और मनीष ने नाबार्ड से 9.5 लाख लोन लिया। बीज, खाद व कीटनाशक मंगवाकर वैशाली के एक किसान को मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर राजमा की फसल लगाने को तैयार किया। किसान ने परंपरागत दो फसल की जगह तीन फसलें लीं। एक साल में मुनाफा दोगुना हो गया।
मुफ्त में ले सकते हैं फ्रेंचाइजी
शशांक ने बताया कि ऐसे युवक जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन, कंप्यूटर या लैपटॉप है। मुफ्त में इसकी फ्रेंचाइजी लेकर अपना देहात सेंटर खोल सकते हैं। कॉल सेंटर पटना व गुरुग्राम (हरियाणा) में हैं। किसान इसके नंबर (180030105343) पर सुबह 8 से शाम 6 बजे तक फोन कर परामर्श लेने के साथ बीज, खाद, कीटनाशक आदि का ऑर्डर दे सकते हैं। किसानों के बुलावे पर कृषि वैज्ञानिक भी खेत तक जाते हैं, मुफ्त सलाह देते हैं।