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संसद में पेश बजट को किसी ने सराहा, तो किसी ने नकारा

जागरण संवाददाता, बेगूसराय : गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट पर जिला के लोगों ने अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 09:53 PM (IST)
संसद में पेश बजट को किसी ने सराहा, तो किसी ने नकारा
संसद में पेश बजट को किसी ने सराहा, तो किसी ने नकारा

जागरण संवाददाता, बेगूसराय : गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट पर जिला के लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रया व्यक्त की है। बजट पर न सिर्फ राजनीतिक गलियारे में चर्चा होती रही। बल्कि चौक-चौराहे से लेकर सरकारी कार्यालयों तक भी इस पर चर्चा होती रही। चर्चा के दौरान संसद में पेश बजट को किसी ने सराहा, तो किसी ने पूरी तरह से नकार दिया है।

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अमिता भूषण विधायक : अमिता भूषण ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि संसद में पेश आम बजट लोगों को निराश करने वाला बजट है। इस बजट से एक बार फिर मध्यम वर्ग के लोगों को चौतरफा मार झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि बजट में किसानों को फसल का डेढ़ गुणा मुनाफा देने की बात कह सिर्फ झुनझुना थमा दिया गया है। जबकि किसानों के कर्ज की माफी होना आवश्यक था। जो वितमंत्री ने नहीं किया। यह किसानों के साथ धोखा है। विधायक ने शिक्षा व स्वास्थ्य पर शेष एक प्रतिशत की वृद्धि को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। बजट में टीवी व मोबाइल के महंगा होने पर भी उन्होंने ¨चता जताया। उन्होंने कहा है कि रेल में बिहार के लिए कुछ नहीं देना बिहारियों के साथ धोखा है। जबकि रेलवे का कई कार्य अधूरा है। उन्होंने कहा है कि यह सरकार बड़े लोगों के हाथ का खिलौना बनकर रह गई है। बजट से गरीबों और बेरोजगारों को कोई लाभ नहीं मिला है।

संजय ¨सह, भाजपा जिला अध्यक्ष : संजय ¨सह ने पेश आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बजट मध्यम वर्ग एवं गरीब तबके के लोगों को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार पर आधारित यह बजट आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को सु²ढ़ करने का कार्य करेगी। नए मेडिकल कॉलेज खोलने, नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए 187 करोड़, अगले वित्तीय वर्ष में दो करोड़ शौचालय निर्माण, 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने आदि का प्रावधान किया गया है। जो सरकार का सराहनीय प्रयास है।

संजय ¨सह, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष : संजय ¨सह ने बजट को विकास की गति देने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि यह बजट किसानों एवं युवाओं के हित का बजट है। बजट में किसानों की फसलों के लागत मूल्य से डेढ़ गुणा ज्यादा न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया है। वहीं युवाओं के लिए स्वरोजगार सुनिश्चित किया गया है। बजट में 8 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को गैस कनेक्शन देने, वेतनभोगी के टैक्स स्लैब में चालीस हजार की कटौती, सीनियर सिटीजन को विशेष छूट, 2022 तक सबके लिए आवास आदि का प्रावधान किया गया है। बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया है।

अभय कुमार ¨सह सार्जन, पूर्व जिला अध्यक्ष कांग्रेस : कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अभय कुमार ¨सह सार्जन ने कहा है कि बजट मध्यम वर्ग, नौकरी पेशा, किसानों व नौजवानों के लिए छलावा है। सरकार किसानों व पशुपालकों के लिए 2022 तक उनकी आय दोगुणा करने की सिर्फ घोषणा करती रही है। किसानों व पशुपालकों की दशा सुधारने की बजाय सरकार ने बजट में उद्योग जगत को विभिन्न प्रकार की छूट देकर यह साबित कर दी है कि यह उद्योगपतियों की सरकार है।

फुलेना ¨सह पैक्स अध्यक्ष : ¨सहमा के पैक्स अध्यक्ष फुलेना ¨सह ने कहा है कि आम बजट में किसानों की बेहतरी के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा है कि किसानों को उनके कर्ज माफी की उम्मीद बजट से थी। परंतु बजट में इसका प्रावधान नहीं कर सरकार किसानों के साथ धोखा की है।

अमित यादव कांग्रेस नेता : कांग्रेस के नेता अमित यादव ने कहा है कि बिहार के परिपेक्ष्य में यह बजट बिलकुल निराशाजनक है। बजट में आवाम को सिर्फ सपना दिखाया गया है। कृषि में सिर्फ आंकड़ेबाजी का खेल खेला गया है। युवाओं को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा है कि बजट ने यह साबित कर दिया है कि समाज के अंतिम पायदान के लोगों की यह सरकार नहीं है।

भूमिपाल राय जदयू जिला अध्यक्ष : जदयू जिला अध्यक्ष भूमिपाल राय ने बजट को लोक कल्याणकारी बताया है। उन्होंने कहा है कि यह बजट गरीबों के हित का बजट है।

कार्यालयों में भी होती रही चर्चा : संसद में पेश बजट को ले गुरूवार को समाहरणालय स्थित विभिन्न सरकारी कार्यालयों के बीच भी चर्चा होती रही। इस दौरान अधिकारी व कर्मचारी बजट में किए गए प्रावधानों की जानकारी लेते रहे। प्रावधानों की जानकारी लेने के बाद आम लोगों के मुनाफे व घाटे पर भी चर्चा हुई। बजट पर अधिकारी व कर्मियों की भी अलग-अलग राय देखी गई। कुछ लोग जहां इस बजट को विकास का बजट बता रहे थे। वहीं अधिकांश कर्मी इसे गरीब विरोधी बजट करार दे रहे थे। वहीं घर में लोग टीवी पर बजट देखते रहे


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