वन टू फाइव के अधिकांश आरक्षित सीट खाली, 69 हुए बहाल
जागरण संवाददाता बांका शंभुगंज और अमरपुर प्रखंड शिक्षक नियोजन का मेला सोमवार को आरक्षित सीटों की भेंट चढ़ गया। सुबह से इसके लिए डायट में आवेदकों का ठेलमठेल रैला था। बिहार ही नहीं देश के कई शहरों से इसके लिए आवेदक बांका पहुंचे थे।
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फोटो- 25 बीएएन 10, 11, 12
- उर्दू शिक्षकों के लिए मैदान पर खोजने पर भी नहीं मिला आवेदक
- सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अधिकांश आवेदकों को निराशा
जागरण संवाददाता, बांका : शंभुगंज और अमरपुर प्रखंड शिक्षक नियोजन का मेला सोमवार को आरक्षित सीटों की भेंट चढ़ गया। सुबह से इसके लिए डायट में आवेदकों का ठेलमठेल रैला था। बिहार ही नहीं, देश के कई शहरों से इसके लिए आवेदक बांका पहुंचे थे। सौ से अधिक आवेदक तो केवल पड़ोसी राज्य झारखंड के कई जिलों से थे। अधिकांश को देर शाम तक तपस्या के बाद भी निराशा ही हाथ लगी। सोमवार को वन टू फाइव शिक्षकों का चयन होना था। शंभुगंज के पास इसके लिए 97 तथा अमरपुर के पास 51 सीट रिक्त था। मगर इसमें अधिकांश सीटों पर बहाली नहीं हो सकी। अमरपुर ने 31 तथा शंभुगंज 38 सीट पर ही बहाली पूरा कर सका। बहाली में यूआर, यूआरएफ, बीसी और बीसीएफ की अधिकांश सीटें भर गई। इसके दो सौ से अधिक आवेदक वापस लौटे। मगर एससीएफ, एससी, ईबीसी, ईबीसीएफ और एसटी की अधिकांश सीटें खाली रह गई। इस कोटि में कुछ आवेदक ने नियोजन समिति में आवेदन जरूर किया था, मगर वह नौकरी लेने डायट के इस कैंप में नहीं पहुंचे। आरक्षित कोटि के आवेदक नहीं रहने से कम से कम पांच दर्जन सीटें खाली रह गई।
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सुबह ठंड की बारिश में ही पहुंच गए आवेदक
प्रखंड शिक्षक बहाली का मेला सोमवार देर रात समाप्त हो गया है। दोनों प्रखंड ने अपनी पूर्व की रद बहाली को पूरा किया। गड़बड़ी के कारण इसे शिक्षा विभाग ने अधिकारी की रिपोर्ट पर रद कर दिया था। सोमवार को अंतिम दिन की बहाली के लिए आवेदकों का सुबह सात-आठ बजे से ही बांका पहुंचना शुरू हो गया था। 10 बजे तक डायट के बाहर लक्जरी वाहनों की कतार खड़ी हो गई। इसके बाद दोनों नियोजन समिति ने आवेदकों की कतार लगाकर उन्हें प्रवेश कराना शुरु किया। शंभुगंज प्रखंड प्रमुख सुमन सिंह ने बताया कि बहाली पूरी तरह पारदर्शी हो इसके लिए वे तीन दिन से लगातार कैंप में डटे हैं। अमरपुर प्रमुख मंजू देवी ने कहा कि खुशी है कि अमरपुर को बड़ी संख्या में शिक्षक मिला। दोनों नियोजन समिति के सचिव सह बीपीआरओ हिमांशु शेखर ने बताया कि रद बहाली को साफ सुथरा पूरा कराना बड़ी चुनौती थी। खुशी है कि इतनी संख्या में जुटे आवेदकों के बाद भी किसी तरह का कोई हो हंगामा नहीं हुआ। पारदर्शिता के कारण सभी संतुष्ट होकर गए। बहाली को लेकर डीईओ पवन कुमार सोमवार को भी देर रात 10 बजे तक डायट में बैठे रहे। नियोजन में बीपीआरओ शशि कुमार सिंह, शिक्षक संतोष रजक, स्थापना कार्यालय के मनीष कुमार व शिवम, नियोजन समिति के मनोज कुमार सिंह, रूपेश कुमार, मनोज पाठक प्रमुख रूप से मौजूद थे।